संभाग में अब भी करीब 20 लाख लोगों ने नहीं लगवाये टीके
शत-प्रतिशत टीकाकरण अभियान के लिए युध्दस्तर पर जारी है प्रयास
अमरावती/दि.28– कोविड की संक्रामक महामारी से बचाव हेतु विगत वर्ष 16 जनवरी से समूचे देश में कोविड प्रतिबंधात्मक टीकाकरण अभियान चलाना शुरू किया गया. जिसके तहत अलग-अलग चरणों में कोविड प्रतिबंधात्मक वैक्सीन के दो डोज लगाने के साथ-साथ 18 वर्ष से अधिक आयु गुट में बूस्टर डोज लगाये जाने की भी शुरूआत की गई और सरकार एवं प्रशासन द्वारा टीकाकरण अभियान को शत-प्रतिशत सफल बनाने के लिए हर संभव कदम उठाये जाने भी शुरू किये गये है. परंतु ऐसे तमाम प्रयासों के बावजूद अमरावती संभाग में अब भी करीब 20 से 22 लाख लोग ऐसे है, जिन्होंने कोविड प्रतिबंधात्मक वैक्सीन का अब तक एक भी टीका नहीं लगवाया है. यह स्थिति भविष्य में महामारी का संक्रमण फैलने पर खतरनाक हो सकती है.
बता दें कि, अमरावती संभाग में कुल पांच जिलों का समावेश होता है और पांचों जिलों की जनसंख्या करीब 1 करोड 10 लाख के आसपास है. जिसमें से अब तक केवल 79 लाख 75 हजार 361 लोगों ने ही कोविड प्रतिबंधात्मक वैक्सीन का पहला टीका लगवाया है. जिसमें से 58 लाख 76 हजार 285 लोगों ने दूसरा तथा 2 लाख 95 हजार 501 लोगों ने तीसरा यानी बूस्टर डोज लगवाया है. इस लिहाज से संभाग में अब तक लगे कुल टीकों की संख्या यद्यपि 1 करोड 40 लाख 81 हजार 147 हो गई है, लेकिन हकीकत यह है कि, समूचे संभाग में अब तक केवल 79 लाख 75 हजार 361 नागरिक ही कोविड वैक्सीन के सुरक्षा कवच के दायरे में आ पाये है. वहीं 12 वर्ष से अधिक आयुवाले करीब 20 से 22 लाख लाभार्थी अब भी टीकाकरण के दायरे से बाहर है.
उल्लेखनीय है कि, मार्च 2020 से कोविड संक्रमण की पहली लहर का दौर शुरू हुआ था. जिसके बाद युध्दस्तर पर किये गये अनुसंधान पश्चात कोविड प्रतिबंधात्मक वैक्सीन खोज निकाली गई और वर्ष 2021 में 16 जनवरी से समूचे देश में कोविड प्रतिबंधात्मक टीकाकरण अभियान शुरू किया गया. अभी यह अभियान अपने प्रारंभिक चरण में ही था, तभी फरवरी 2021 से कोविड संक्रमण की दूसरी लहर शुरू हो गई. जो पहली लहर की तुलना में कहीं अधिक भयावह थी. ऐसे में सभी टीकाकरण केंद्रों पर कोविड प्रतिबंधात्मक वैक्सीन के टीके लगवाने हेतु लोगों की भारी भीड उमडा करती थी. क्योंकि उस समय लोगों में इस महामारी को लेकर काफी अधिक भय व्याप्त था. इस टीकाकरण अभियान के तहत सबसे पहले हेल्थलाईन वर्कर्स और फ्रंटलाईन वर्कर्स को कोविड प्रतिबंधात्मक वैक्सीन के टीके लगाये गये. पश्चात 60 वर्ष से अधिक आयुवाले सभी बुजुर्ग नागरिकों एवं 45 वर्ष से अधिक आयुगुट में बीमार लोगों के लिए टीकाकरण की सुविधा उपलब्ध करायी गई. इसके बाद अगले चरण में टीकाकरण हेतु आयुमर्यादा को धीरे-धीरे घटाया गया और अब 12 वर्ष से अधिक आयुवाले हर एक व्यक्ति के लिए कोविड टीकाकरण की सुविधा उपलब्ध है. परंतु मई 2021 में कोविड संक्रमण की दूसरी लहर के खत्म होने और जनवरी 2022 में आयी कोविड संक्रमण की तीसरी लहर का कोई खास असर नहीं रहने के चलते अब लोगबाग कोविड प्रतिबंधात्मक टीकाकरण को लेकर काफी लापरवाह व उदासीन हो चले है. जिसकी वजह से अब टीकाकरण की रफ्तार काफी हद तक सुस्त हो गई है और ज्यादातर टीकाकरण केंद्र अब सुनसान ही पडे है.
यहां यह विशेष उल्लेखनीय है कि, इन दिनों एक बार फिर कोविड संक्रमितों की संख्या बढती नजर आ रही है. ऐसे में प्रतिबंधात्मक टीके अधिक से अधिक लगाये जाने की सख्त जरूरत है. परंतु इसके बावजूद आम नागरिकों में प्रतिबंधात्मक वैक्सीन के टीके लगाये जाने को लेकर कोई विशेष उत्साह नहीं दिखाई दे रहा. यह स्थिति आगे चलकर खतरनाक भी हो सकती है.
* संभाग में जनसंख्या व टीकाकरण की जिलानिहाय स्थिति
जिला जनसंख्या (अनुमानित) पहला टीका दूसरा टीका बूस्टर डोज कुल टीके
अमरावती 28,88,445 20,86,767 15,21,945 72,302 36,81,014
अकोला 18,13,906 12,27,992 8,61,121 43,247 21,32,360
बुलडाणा 25,86,258 18,30,234 12,84,390 35,650 31,50,274
वाशिम 11,97,160 8,86,998 7,07,035 31,888 16,25,921
यवतमाल 24,58,271 19,43,370 15,01,794 46,414 34,91,578
कुल 1,09,44,040 79,75,361 58,76,285 2,29,501 1,40,81,147