फरार उप प्रादेशिक परिवहन अधिकारी बागरी को मिली हाईकोर्ट से जमानत !
मामला अमरावती आरटीओ से हुई ट्रकों की पासिंग का
* कर वसूली अधिकारी ही मुंबई पुलिस की रडार पर
अमरावती/ दि. 7- अरूणाचल प्रदेश, मिजोरम व आसाम से दर्जनों ट्रकों को अमरावती, नागपुर और नई मुंबई आरटीओं में एनओसी और स्थानीय लोगों के नाम से खरीदी दिखाकर नया रजिस्ट्रेशन ( पासिंग) दिए जाने के मामले में नई मुंबई की क्राइम ब्रांच पुलिस ने अमरावती आरटीओ कार्यालय के एक महिला सहित तीन अधिकारियों को गिरफ्तार किया है. इस प्रकरण में फरार चल रहे उप प्रादेशिक परिवहन अधिकरी राज बागरी को आज हाईकोर्ट से गिरफ्तारी पूर्व जमानत मिलने की सूत्रों की जानकारी है. वहीं इस प्रकरण में अमरावती आरटीओ ऑफीस के कर वसूली अधिकारी मुंंबई पुलिस की रडार पर रहने की जानकारी है.
चोरी के ट्रक के फर्जी कागजपत्र के जरिए पंजीयन कर उसकी बिक्री करने का प्रकरण प्रकाश में आने के बाद संपूर्ण महाराष्ट्र राज्य में खलबली मच गई है. नवी मुंबई पुलिस ने 29 अप्रैल को अमरावती आरटीओ कार्यालय के मोटर वाहन निरीक्षण गणेश वरूठे, सहायक परिवहन अधिकारी भाग्यश्री पाटिल और सहायक प्रादेशिक परिवहन अधिकारी सिध्दार्थ ढोके को गिरफ्तार कर लिया. यह तीनों अधिकारी न्यायिक हिरासत में जेल में है. नई मुंबई पुलिस के क्राइम ब्रांच के दल ने चोरी के ट्रक के फर्जी कागजपत्र के जरिए पंजीयन कर ट्रक की बिक्री करने के प्रकरण की जांच की तब नागपुर और अमरावती आरटीओ कार्यालय का कनेक्शन प्रकाश में आया था. इस प्रकरण में उप प्रादेशिक परिवहन अधिकारी राज बागरी फरार थे. मुंबई पुलिस उनकी तलाश में जुटी हुई थी. बताया जाता है कि राज बागरी नागपुर मुंबई और नाशिक ऐसे तीन स्थानों पर रहते है. इस कारण उनका अभी तक पता नहीं चल पाया है. सूत्रों के अनुसार वे स्थानीय अदालत से जमानत न मिलने के बाद मुंबई उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ में जमानत प्राप्त करने के लिए प्रयासरत थे. उन्हें गिरफ्तारी पूर्व आज हाईकोर्ट से जमानत मिल गई है. उनके हस्ताक्षर से 9 चोरी के ट्रक के फर्जी कागजपत्र के आधार पर रजिस्ट्रेशन होने की बात नई मुंबई पुलिस के क्राइम ब्रांच द्बारा की गई जांच में सामने आयी हैं. राज बागरी के जन्म तिथि का विवाद जारी रहते चोरी के ट्रक का फर्जी कागजपत्र के आधार पर रजिस्ट्रेशन का मामला उनके लिए मुसीबत बन सकता है. साथ ही इस प्रकरण के कनेक्शन नागपुर आरटीओ कार्यालय से भी है. वहां के 15 अधिकारी और कर्मचरियों ने भी अग्रिम जमानत प्राप्त की है. इसमें उप प्रादेशिक परिवहन अधिकारी राजेश सरक का समावेश है. लेकिन इस प्रकरण में अमरावती आरटीओं कार्यालय के कर वसूली अधिकारी मुंबई पुलिस की रडार पर है.
* अन्य राज्यों से आनेवाले वाहनों की डाटा एन्ट्री का काम कर वसूली अधिकारी का
सूत्रों के मुताबिक अमरावती आरटीओ कार्यालय में कर वसूली अधिकारी के रूप में विजय गावंडे कार्यरत है. परप्रांतों से (आरएमए) आनेवाले वाहनों की डाटा एन्ट्री का काम इस कर वसूली अधिकारी पास रहता है. वे आरटीओ कार्यालय में 40 नंबर की खिडकी पर अपना कामकाज संभालते हैं. अन्य राज्यों से आनेवाले वाहन की पुलिस रिपोर्ट, स्टेट का कन्फर्मेशन , टैक्स फाडना, एनसीआरवी रिपोर्ट तैयार करना यह संपूर्ण डाटा एन्ट्री का काम इस अधिकारी के जरिए होता है और इन्हीं के द्बारा पूरे कागजपत्रों की जांच होने के बाद यहां के रजिस्ट्रेशन के लिए संबंधित अधिकारी के पास वह फाइल जाती है. इस फर्जीवाडे में कर वसूली अधिकारी जिम्मेदार रहने की चर्चा जारी है. मुंबई क्राइम ब्रांच पुलिस की रडार पर यह अधिकारी हैं. इस कारण उसकी गिरफ्तारी होने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता.
* 8 वाहनों का रिकार्ड लेकर अधिकारी मुंबई रवाना
जिन 8 वाहनों का फर्जीवाडा सामने आया है. उससे संबंधित संपूर्ण रिकार्ड लेकर अमरावती प्रादेशिक परिवहन अधिकारी कार्यालय के प्रादेशिक परिवहन अधिकारी राम गीते, मोटर वाहन निरीक्षक रंजन सरदेसाई, कर वसूली अधिकारी विजय गावंडे, लघु लेखक प्रदीप गुडधे रविवार को मुंबई गये रहने की जानकारी है. अरूणाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश, नागालैंड, दिल्ली और हरियाणा आदि राज्यों के चुराए वाहनों के चेचिस नंबर बदलकर फर्जी कागज पत्र के जरिए अमरावती आरटीओ अधिकारी की सहायता से वाहनों का रजिस्ट्रेशन होने की पृष्ठभूमि पर यह कागजपत्र मुंंबई पुलिस द्बारा मंगवाए रहने की जानकारी है.
* अमरावती में जमीर नामक दलाल था फंटर
चोरी के ट्रक के फर्जी कागजपत्र के आधार पर रजिस्ट्रेशन करने के लिए जमीर नामक दलाल आरटीओ कार्यालय में अधिकारियों का फंटर रहने की सूत्रों की जानकारी है. यह फंटर दिव्यांग है. वह अरूणाचल, दिल्ली के चोरी के ट्रकों का पंजीयन कर एमएच 27 नंबर प्राप्त करता था. इसमें आरटीओ कार्यालय के मुखिया और एक पूर्व पार्षद की महत्वपूर्ण भूमिका थी, ऐसा कहा जाता है.