अमरावती प्रतिनिधि/दि.३० – गाडगेनगर थाना क्षेत्र के रामपुरी कैम्प परिसर के अवैध शराब कारखाने पर की गई कार्रवाई को कमजोर करने के लिए पीएसआय गणेश अहिरे ने पुराना बायपास स्थित एक रेसीडेंसी में रहनवाले व्यक्ति से २ लाख रूपये की रिश्वत मांगी. अहिरे के दलाल पप्पु रावलानी की मध्यस्थता के बाद
१ लाख रूपये में सेटिंग हुई. शनिवार को अहिरे छुट्टी पर रहने से रिश्वत लेने की फिराक में नागपुरी मार्ग पर खड़े रावलानी को एसीबी के दल ने रंगे हाथ दबोचा था, इस मामले में फरार आरोपी पीएसआय गणेश अहिरे के साईनगर स्थित मकान को एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी)के दल ने सील कर दिया है. बता दे कि अगस्त माह से गणेश अहिरे २ लाख रूपये रिश्वत लेने के प्रयास में था. रावलानी के माध्यम से शिकायतकर्ता और अहिरे के बीच १ लाख रूपये में सेटिंग हुई, लेकिन अहिरे जिस व्यक्ति से रिश्वत ले रहा था वह इतना तंग आ चुका था कि उसने आखिरकार एसीबी में शिकायत की. एसीबीके दल ने गाडगेनगर पुलिस थाने में पीएसआय गणेश अहिरे व अशोक उर्फ पप्पू रावलानी के खिलाफ भ्रष्टाचार प्रतिबंधक कानून १९८८ की धार ७,७(अ) के तहत मामला दर्ज किया है. अपराध दर्ज होने के बाद पीएसआय गणेश अहिरे फरार है. उसकी तलाश में एसीबी दो दल रवाना किए गये है. अहिरे को जल्द गिरफ्तार किया जाएगा,ऐसी जानकारी एसीबी के अधिकारियों से मिली.
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पहले भी लिए १ लाख
शिकायतकर्ता के अनुसार रामपुरी कैम्प के अवैध अंग्रजी शराब के कारखाने में छापा मारने के बाद विवादित पीएसआय गणेश अहिरे ने नकली शराब होने की धमकी देकर शिकायतकर्ता से एक लाख रूपये रिश्वत ली थी. पुलिस के मामले में बेवजह फंसने के डर से शिकायतकर्ता ने एसीबी में शिकायत नहीं की थी.
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रिश्वतखोर अहिरे सस्पेंड
पुलिस आयुक्त डॉ.आरती सिंह ने बताया कि रिश्वतखोरी के मामले में नामजद पीएसआई गणेश अहिरे को तत्काल निलंबित करने का आदेश दिया गया है.
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थाने का ‘वह’ वरिष्ठ कौन ?
पीएसआय अहिरे एसीबी के जाल में फंसने के बाद पुलिस महकमे के कर्मचारी बी आवाज में चर्चा कर रहे है कि एक पीएसआय दर्जे का अधिकारी लाखों रूपये रिश्वत लेने की हिम्मत नहीं कर सकता.पीएसआय अहिरे को थाने के ही किसी वरिष्ठ अधिकारी का आशीर्वाद था. इसलिए वह बडनेरा से गाडगेनगर थाने में आने के बाद नागरिको से रूपये वसूलने का काम करता था,ऐसी चर्चा महकमे में है.
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अहिरे के पास दर्जनों मामले
पुलिस आयुक्तालय क्षेत्र का गाडगेनगर थाना यह सबसे बड़ा थाना है. थाने में तैनात हेडकॉस्टेंबल से लेकर पुलिस निरीक्षक दर्जे के अधिकारियों के पास ४०-४० मामले जांच के लिए आते है. अहिरे के पास भी दर्जनों मामले जांच के लिए थे हर मामले में इसी प्रकार की सेटिंग किए जाने की बात से इनकार नहीं किया जा सकता.