अमरावती की युवती के साथ थाईलैंड में हादसा
समुद्र में डूबने से मेधावी, होनहार असिस्टंट प्रोफेसर नेहा की मृत्यु
* नावंदर परिवार ने अमरावती लाकर किया दाह संस्कार
अमरावती/दि. 2 – अंबानगरी की शिक्षा क्षेत्र की एक अत्यंत होनहार संशोधक नेहा कैलाश नावंदर (33) की थाईलैंड के क्रैबी समुद्र तट पर गत सप्ताह हुई दुर्भाग्यपूर्ण दुर्घटना में मृत्यु का समाचार प्राप्त हुआ है. नेहा अपनी छोटी बहन स्नेहा के संग होली की छुट्टीयों में थाईलैंड गई थी. वहां एडवेंचर स्पोर्ट में भाग लेते समय न जाने क्या हुआ, वह समुद्र में डूब गई. उसे बचाने के प्रयत्न विफल हो गए. अमरावती में नावंदर परिवार को खबर लगते ही पिता कैलाश और मामा कैलाश राठी (जालना) वहां गए. अपनी बिटिया रानी का पार्थिव अमरावती लाकर उसका दाह संस्कार करने का निर्णय नावंदर परिवार ने किया. उसके अनुरुप सोमवार सबेरे उसका अत्यंत शोकाकुल वातावरण में दाह संस्कार किया गया. परिवार अब तक शोक से उबर नहीं सका है. लडकपन से मेधावी नेहा ने मेहनत, लगन के बल पर कदम दर कदम पडाव पूर्ण कर हाल ही में सिक्कीम स्थित भारत सरकार के राष्ट्रीय तकनीकी संस्थान में असिस्टंट प्रोफेसर के रुप में नियुक्ति प्राप्त की थी.
* होलीक्रॉस और बियाणी में शिक्षा
हार्वे सभापति कंपाउंड के निवासी और फार्मसी कारोबारी कैलाश राजेंद्र नावंदर की सुपुत्री नेहा की स्कुली शिक्षा होलीक्रॉस स्कूल और जूनियर कालेज बियाणी में हुई. उपरांत नागपुर के रामदेव बाबा कालेज से बी.टेक एवं गुवाहटी स्थित देश की अग्रणी आईआईटी से एम.टेक किया. नेहा को पढाई में बडी रुची रही. उसने आईआईटी दिल्ली से सॉफ्टवेअर फेलोशिप प्राप्त की. उसी प्रकार नागपुर वीएनआईटी से पीएच.डी की उपाधि भी नेहा नावंदर ने अपनी मेधा, मेहनत की बूते प्राप्त की थी.
* सिक्कीम में नियुक्ति, परिवार प्रसन्न
नेहा नावंदर को हाल ही में भारत सरकार संचालित राष्ट्रीय तकनीकी संस्थान एनआईटी सिक्कीम में असिस्टंट प्रोफेसर के रुप में अपॉइनमेंट प्राप्त हुई थी. गत जनवरी में उसने जॉइन किया. पूरा परिवार कैलाश नावंदर, उनकी पत्नी विद्या, छोटी बेटी स्नेहा आदि बडे प्रसन्न थे. मार्च में होली की छुट्टी पर नेहा ने बहन स्नेहा के संग थाईलैंड घूमने का प्लान बनाया. वे वहां के लिए राजीखुशी रवाना हुए.
* क्रैबी से आयी बुरी खबर
थाईलैंड के फुकेट से 200 किमी दूर समुद्र तट वाले शहर क्रैबी में नेहा और स्नेहा सैरसपाटा कर रहे थे. वहां वॉटर स्पोर्टस् चलते हैं. जिसमें एक खेल में नेहा ने भाग लिया. वह समुद्र पर तैरते पाइप के सहारे ऑक्सीजन लेकर इस खेल में सहभागी हुई. जहां से समुद्र के भीतर का दृष्य दिखाई पडता है. न जाने क्या हुआ, हार्टअटैक आया या कुछ और. नेहा समुद्र में डूब गई. वहां से स्नेहा ने पिता कैलाश नावंदर को फोन से बुरी खबर दी. नावंदर अमरावती से निकल पडे. पूरे परिवार पर मानो वज्राघात हो गया. क्रैबी में थाईलैंड प्रशासन ने नेहा को बचाने के प्रयत्न किए. अस्पताल भर्ती किया गया. आईसीयू में उपचार चला किंतु 29 मार्च को पढाई-लिखाई में अव्वल रही नावंदर परिवार की लाडली ने दुनिया से विदा ले ली.
* दूतावास का सहयोग, दो दिनों में पहुंचे अमरावती
नावंदर परिवार के सूत्रों ने बताया कि, भारतीय दूतावास का वहां फुकेट में सहयोग मिला. जिसके कारण पार्थिव को भारत लाने की कार्यवाही में गति आयी और 7 दिनों का काम दो दिनों में हो गया. कार्गो प्लेन से रविवार को नेहा का पार्थिव पहले मुंबई, फिर नागपुर और बाद में अमरावती लाया गया. यहां लाकर सोमवार सबेरे अत्यंत दु:खद वातावरण में नेहा का अंतिम संस्कार किया गया.