कालानुसार हिंदू राष्ट्र के लिए योगदान देना, श्रीगुरु के समष्टि रुप की सेवा- एड. श्रुति भट
देशभर में 154 स्थानों पर मनाया गया गुरुपूर्णिमा महोत्सव
अमरावती/दि.14– सुखस्य मूलं धर्म:, अर्थात सुख का मूल धर्माचरण में हैं. यदि समाज और राष्ट्र को सुचारु रुप से चलाना है, तो सभी क्षेत्रों में धर्म की स्थापना आवश्यक है. व्यक्तिगत या सामाजिक जीवन में धर्म का अधिष्ठान आने से वह व्यक्ति नीतिवान बनता है और कुछ भी गलत काम करने से बचता है. इसलिए धर्म का अधिष्ठान हुआ, तो ही धर्माधारित यानि आदर्श समाज का निर्माण हो सकता है. इसलिए राष्ट्र को वास्तविक रुप से उर्जितावस्था प्राप्त करनी हो, तो धर्माधारित हिंदू राष्ट्र की आवश्यकता है. उसके लिए प्रत्येक को धर्मशिक्षा लेकर, धर्माचरण कर धर्माधारित समाज का निर्माण और धर्माधारित हिंदू राष्ट्र स्थापना के लिए सक्रिय होना चाहिए. कालानुसार हिंदू राष्ट्र के लिए योगदान देना श्रीगुरु के समष्टि रुप की सेवा ही है, ऐसा प्रतिपादन अधिवक्ता श्रुति भट ने इस अवसर पर किया. सनातन संस्था द्बारा आयोजन गुरुपूर्णिमा महोत्सव मेें वे बोल रही थी. गुरुपूर्णिमा महोत्सव जाधव पॅलेस, गाडगे महाराज मंदिर, कठोरा रोड, समाज भवन, राजपूत पुरा दर्यापुर, हनुमान मंदिर सभागृह, महाराष्ट्र कालोनी, मोर्शी यहा पर भावपूर्ण वातावरण में मनाया गया. देशभर में 154 स्थानों पर गुरुपूर्णिमा महोत्सव भावपूर्ण वातावरण मेें मनाए गए.
इसके पश्चात कार्यक्रम में अखिल भारतीय सिंधू सभा के विदर्भ आध्यात्मिक आघाडी के प्रमुख प्रकाश सिरवणी ने कहा गुरु एक तत्व है. गुरुशिष्य परंपरा जीवित रखना आवश्यक हैं. गुरु जीवन मै नहीं तो जीवन अंधकारमय होगा, तो राष्ट्र एवं व्यक्तिगत जीवन उज्वल कारना है, तो गुरु शिष्य परंपरा एकमेव साधन हैं. अन्य स्थानों पर आयोजित गुरुपूर्णिमा में देवस्थान सेवा समिति के विदर्भ सचिव श्री. अनुप जयस्वाल, श्री राम मंदिर मोर्शी के सचिव तथा हिंदूत्वनिष्ठ अधिवक्ता पवन अकर्ते, अनुभूती टवलारे, प्रदीप गर्गे तथा डॉ. भारती हेडाउ ने मार्गदर्शन किया. महोत्सव के प्रारंभ में श्री व्यासपूजा और प.पू. भक्तराज महाराजाओं की प्रतिमा का पूजन किया गया. तत्पश्चात स्वसुरक्षा का प्रत्यक्ष प्रदर्शन किया गया. कार्यक्रम को बडी मात्रा में हिंदूत्वनिष्ठ एवं जिज्ञासु उपस्थित थे.
* 9 भाषाओं में ऑनलाइन गुरुपूर्णिमा महोत्सव
इस वर्ष सनातन संस्था द्बारा मराठी, हिंदी, अंग्रेजी, कन्नड, तमिल, तेलगु, गुजराती, बंगाली, उडिया आदि 9 भाषाओं में ऑनलाइन के माध्यम से गुरुपूर्णिमा महोत्सवों संपन्न हुआ. इस माध्यम से देशविदेश के हजारों श्रद्धालुओं ने गुरुपूर्णिमा महोत्सवों का लाभ उठाया. ऑनलाइन गुरुपूर्णिमा उत्सव में सनातन संस्था के संस्थापक परात्पर गुरु डॉ. आठवले की एक आध्यात्मिक उत्तराधिकारी श्रीसत्शक्ति बिंदा ने इम्पोर्टेन्स ऑफ गुरु इस ई-बुक का लोकार्पण किया.