अमरावतीमहाराष्ट्र

ठाकरे हत्याकांड में आरोपी गुप्ता को उम्रकैद

प्रमुख जिला व सत्र न्यायालय का फैसला

*11 वर्ष पुराना हत्या प्रकरण
* महिला आरोपी सबूतों के अभाव में बरी
अमरावती /दि.3– फ्रेजरपुरा थाना अंतर्गत महादेव खोरी को हनुमान मंदिर के पास 8 फरवरी 2014 को हुई ऋषिकेश ठाकरे की हत्या के मामले में प्रमुख जिला व सत्र न्यायाधीश एसवी यार्लगड्डा ने आरोपी ब्रिजेश उर्फ विजय मूलचंद गुप्ता (37) को दोषी पाकर उम्रकैद और 20 हजार रूपए जुर्माने की सजा आज सुनाई. जुर्माने की 10 हजार राशि मृतक ऋषिकेश ठाकरे के वारिस को देने का हुक्म भी कोर्ट ने दिया. इस मामले में अतिरिक्त शासकीय अभियोक्ता सुनील देशमुख ने पैरवी की. अदालत में डॉक्टर्स और प्रत्यक्षदर्शी जख्मी शिकायतकर्ता सहित 11 गवाह प्रस्तुत किए गये थे. दो साक्षीदार पंच फितूर हो गये थे.
फ्रेजरपुरा पुलिस ने घटना की चार्जशीट 7 मई 2014 को प्रस्तुत की थी. जिसमें आरोप किया गया कि ऋषिकेश ठाकरे और गौरव इंगोले यह दोनों मित्र थे. उनका आरोपी ब्रजेश गुप्ता से झगडा था. 8 फरवरी को सुबह 10.30 बजे ठाकरे और इंगोले साइकिल लेकर महादेव खोरी से अपने घर की ओर जा रहे थे. आरोपी ब्रिजेश गुप्ता ने अपने नाबालिग भांजे के साथ ठाकरे और इंगोले पर हमला किया.
लोहे की तलवार लाकर वार करने से गौरव इंगोले के बाए हाथ की कलाई पर जोरदार घाव हुआ. वह चक्कर आकर गिर पडा. फिर आरोपी ब्रिजेश ने तलवार से ऋषिकेश का पीछा कर उसके सीने पर तलवार घोप दी. उसे मार डाला. यह वारदात वहां मौजूद गोपाल छापेकर देख रहा था. वहां आशीष इंगोले और अंकुश फोकमारे भी आए. इन दोनों ने जख्मी गौरव इंगोले को डॉ. कमल राउत उपरांत जिला अस्पताल इर्विन में भरती किया. पुलिस ने गौरव का बयान लेकर अपराध दर्ज किया. बताया गया कि गौरव छापेकर ने झगडे में बीच बचाव का प्रयास किया था. उसने मृत ऋषिकेश को अपनी बाइक और बाद में बेनोडा चौक से ऑटो रिक्शा में डालकर इर्विन अस्पताल पहुंचाया. इर्विन में डॉक्टर्स ने ऋषिकेश को मृत घोषित किया.
पुलिस एपीआई एनडी ओतारी ने गौरव का बयान लेने के साथ अपराध क्रमांक 40 और धारा 302, 307, 326, 504, 292, 201, 294, 34 और पुलिस एक्ट की धारा 135 के तहत गुन्हा दाखिल किया. मामले की जांच की. घटनास्थल का पंचनामा वरिष्ठ निरीक्षक मनीष ठाकरे ने किया. जांच पश्चात कोर्ट में आरोप पत्र दायर किया गया. कोर्ट में सहायक सरकारी वकील देशमुख ने न्यायालय में 11 साक्षीदार प्र्रस्तुत किए. क्रास पूछताछ में एकमात्र प्रत्यक्षदर्शी गोपाल छापेकर फितूर हो गया. सरकारी पक्ष ने जख्मी फिर्यादी गौरव इंगोले, गोपाल छापेकर, पीएम करनेवाले डॉ.ए.एन. नायडू, डॉ. वर्षा रोडे, मंगेश उईके, घटनास्थल के पंच मंगेश देशमुख, पंच चेतन खानजोडे, डॉ. कमल राउत, एपीआई ओतारी, निरीक्षक ठाकरे और योगेश खानजोडे को साक्षीदार के रूप में पेश किया.
दोनों पक्षों का युक्तिवाद सुनकर कोर्ट ने आरोपी ब्रिजेश गुप्ता को भादंवि धारा 302 में उम्रकैद, धारा 307 में 5 वर्ष, धारा 504 में 3 माह और धारा 294 में दोषी पाया. सजा सुनाई. उसी प्रकार 20 हजा

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