अमरावती

हत्या के मामले में आरोपी को छह माह साधा कारावास

जिला व सत्र न्यायालय के आदेश

अमरावती/ दि.8 – जिला व सत्र न्यायालय के न्यायमूर्ति रविंद्र एम. जोशी की अदालत में हत्या के मामले में आरोपी को दोषी करार देते हुए छह माह साधे कारावास व 500 रुपए जुर्माना और जुर्माना न भरने पर 15 दिन कारावास की सजा सुनाई है. आकाश रामजी बागडे (23, परिहारपुरा, वडाली) यह सजा पाने वाले आरोपी का नाम है.
अदालत में दायर दोषारोपपत्र के अनुसार 1 जून 2018 को वडाली निवासी रुख्मिणी श्रीकृष्ण प्रधान (30) यह उसके पति के साथ भोजन करने के बाद घर के बाहर खडी थी. इस समय आरोपी आकाश हाथ में लठ लेकर आया और परिसर में रहने वाले सचिन डहाके के साथ कुत्ते को लेकर विवाद किया. इसके बाद श्रीकृष्ण प्रधान रात 11 बजे कैलाश पछेल, आशिष ब्राह्मणकर, ऋषिकेश श्रीनाथ व बालकृष्ण भेंडारकर के साथ आझाद चौक वडाली मठ के कुएं के पीछे सार्वजनिक रास्ते के पुल पर बैठे थे. इतने में आकाश हाथ में लठ लेकर आया. उसने श्रीकृष्ण प्रधान को गालियां दी और ईट फेंककर मारा. ईट प्रधान के सिर पर लगने के कारण वह नीचे गिर गया. बालकृष्ण भेंडारकर ने प्रधान को उठाकर घर पहुंचाया व उसके बाद श्रीकृष्ण प्रधान की पत्नी के साथ फे्रजरपुरा पुलिस थाने में शिकायत देने गए. पुलिस ने रुख्मिणी श्रीकृष्ण प्रधान की शिकायत पर आकाश बागडे के खिलाफ धारा 324 के तहत अपराध दर्ज किया. इसके बाद घायल श्रीकृष्ण को अस्पताल में भर्ती किया.
श्रीकृष्ण पर 2 से 3 दिन अस्पताल में इलाज चलने के बाद नागपुर रेफर किया गया. वहां इलाज के दौरान श्रीकृष्ण प्रधान की मौत हो गई. पुलिस ने इस मामले में दफा 302 के तहत अपराध दर्ज किया. सहायक पुलिस निरीक्षक विपीन इंगले ने मामले की तहकीकात पूरी कर दोषारोपपत्र अदालत में दायर किया. अदालत में 10 गवाहों के बयान लिये गए. चष्मदीद गवाह व डॉक्टर के सबूतों को मान्य करते हुए अदालत ने आरोपी को धारा 304 (2) के तहत दोषी करार देते हुए 6 माह साधा कारावास, 500 रुपए जुर्माना व जुर्माना न भरने पर 15 दिन अतिरिक्त कारावास, इसी तरह दफा 294 के तहत एक माह साधा कारावास, 500 रुपए जुर्माना व जुर्माना न भरने पर अतिरित 15 दिन का कारावास. इसी तरह धारा 110 मुंबई पुलिस कानून के तहत दोषी करार देते हुए अदालत उठने तक की सजा सुनाई. भरपाई के रुप में मृतक की पत्नी को आरोपी की ओर से 40 हजार रुपए नुकसान भरपाई देने के आदेश दिये. इस मुकदमे में सरकारी पक्ष की ओर से अतिरिक्त सरकारी वकील दिलीप तिवारी ने दलीले पेश की. पैरवी अधिकारी के रुप में एएसआई देवराव डकरे, अरुण हटवार ने सहयोग किया.

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