बाजार में आ गई अचारी कैरी

बाजार में आ गई अचारी कैरी
अमरावती /दि.24– घर पर बने अचार बाजार में मिलनेवाले अचार की तुलना में हमेशा ही ज्यादा अच्छे व स्वादिष्ट होते है. घर पर बनाए जानेवाले अचार में अपनी पसंद व स्वाद के अनुसार मसाले डाले जा सकते है. वहीं बाजार में मिलनेवाले अचार में कुछ रासायनिक घटक भी होते है. जिसके चलते लोगबाग अपने घर पर ही अचार बनाना पसंद करते है. यही वजह है कि, इन दिनों बाजार में अचारी कैरी की जमकर मांग हो रही है और बाजार में अचार बनाने हेतु प्रयुक्त होनेवाली कैरीयों की अच्छी-खासी मांग भी है. जिसके चलते अचारी कैरी की जमकर विक्री भी हो रही है.
बता दें कि, मई माह के दूसरे सप्ताह से लगभग सभी घरों में अचार बनाने का काम शुरु हो जाता है और यह प्रक्रिया जून माह के अंत तक चलती है. जिसके चलते इस दौरान बाजार में बडे पैमाने पर अचारी कैरी की विक्री होती है और 10 रुपए प्रति किलो का अतिरिक्त शुल्क देने पर कैरियां फोडकर भी मिलती है.

* 100 से 120 रुपए प्रति किलो का चल रहा दाम
गावरानी आमों का स्वाद सबसे अधिक रहने के चलते अचार हेतु गावरानी कैरियों की मांग सबसे अधिक रहती है. परंतु इन दिनों अमराई की संख्या घट रही है और अमरावती के बाजारों में ग्रामीण क्षेत्र से अचार के लिए छोटे व बडे आकार वाली कैरियां आ रही है. जिनके दाम गुणवत्ता के अनुसार थोक बाजार में 40 से 50 रुपए तथा फूटकर बाजार में 100 से 120 रुपए प्रति किलो के आसपास है.

* घर पर बने अचार की बात ही अलग
घर पर बने अचार के अनेकों फायदे होते है. घर पर बना अचार ताजा व नैसर्गिक होता है. साथ ही उसमें कोई रासायनिक घटक भी नहीं डाले जाते. जिसके चलते घर पर बने अचार स्वास्थ के लिए फायदेमंद होते है और घर पर बने अचार में अपनी पसंद व स्वाद के अनुसार मसालों का प्रयोग किया जा सकता है. घर पर बना अचार हृदय के लिए भी काफी अच्छा रहता है. क्योंकि कैरी व मसालों में रहनेवाले एंटी ऑक्सीडंट पेट व दिल में होनेवाली जलन को कम करने तथा ऑक्सीडेटीव के प्रमाण को रोकने में मददगार साबित होते है. इसके अलावा आम में रहनेवाला पोटेशियम ब्लडप्रेशर के स्तर को नियंत्रित रखने में मदद करता है.

* रेडीमेड अचार में रहता है एसीड, स्वाद भी उतर जाता है
बाजार में उपलब्ध रहनेवाले रेडीमेड अचार में कैरी को गलाने हेतु रासायनिक घटकों सहित कुछ तरह के एसीड का प्रयोग किया जाता है. जिसके चलते कुछ ही समय बाद रेडीमेड अचार का स्वाद उतरना शुरु हो जाता है. साथ ही रासायनिक घटकों की वजह से शरीर एवं स्वास्थ को नुकसान भी पहुंचता है. वहीं दूसरी ओर घर पर तैयार किया गया ताजा व पूरी तरह से प्राकृतिक रहनेवाला अचार 12 माह तक टिकता है और उसका स्वाद भी बना रहता है.

Back to top button