आचार्य श्री 108 विद्यासागरजी महाराज के दर्शनार्थ लगी कतारे
शिरपुर जैन में चातुर्मास के लिए मंगल विहार
अमरावती/दि.29 – आचार्य श्री 108 विद्यासागरजी महाराज का शिरपुर जैन चातुर्मास के लिए मंगल विहार शुरु है. इस दौरान वे अमरावती पधारे. अमरावती आगमन कर उनका जैन समाज द्बारा स्वागत किया गया. शहर के एमआईडीसी स्थित विश्राम भवन में आज उन्होंने सभी को दर्शन व आशिर्वाद दिये. जबलपुर से आचार्य श्री विद्यासागरजी महाराज का मंगल विहार शुरु हुआ. उनके अमरावती आगमन व दर्शन पर्व पर श्री सिद्धांत महाराज ने आचार्य विद्यासागरजी महाराज के दिक्षापूर्ति के 55वें वर्षपूर्ति पर प्रकाश डाला. महाराज श्री के दर्शनार्थ भाविकों की भारी भीड उमडी थी.
आचार्य विद्यासागरजी महाराज की जीवनी पर प्रकाश डालते सिद्धांत महाराज ने बताया कि, 10 अक्टूबर 1946 में जन्मे विद्यासागरजी महाराज ने उम्र के 22वें वर्ष में ज्ञानसागर महाराज से मुनी दिक्षा ग्रहण की. उन्होंने अब तक कई ग्रंथ व काव्यग्रंथ लिखे, उनके एक मूठ माटी ग्रंथ पर अब तक 55 पीएचडी की गई है. उन्होंने 25 ग्रंथों का अनुवादन किया है. गौरक्षा, आदिवासी उत्थान के क्षेत्र में भी मुनीवर ने उल्लेखनीय कार्य किया है. उन्होंने जबलपुर में आयुर्वेदिक महाविद्यालय व अनुसंधार केंद्र की स्थापना की. जहां वर्तमान में 100 से अधिक छात्र पढ रहे है. 1 हजार से अधिक गौशालाओं का संचालन आचार्य विद्यासागरजी महाराज के मार्गदर्शन में शुरु है. उन्होंने महिला शिक्षा के क्षेत्र में भी उल्लेखनीय कार्य किये. 5 हजार से अधिक महिलाएं इस योजना का लाभ ले रही है. आदिवासी उत्थान के लिए मुनीवर श्री ने जंगल में पत्तों को संकलित कर उससे खाद, कागज, गैस निर्मिति कर उसका इंधन के रुप में इस्तेमाल करने का प्रशिक्षण आदिवासियों को दिया. वे जैविक कृषि को बढावा देने के पक्षधर है. आज उनकी आयु 76 वर्ष है. अब वे अमरावती से बडनेरा-लोणी-कारंजा होते हुए शिरपुर जैन मंदिर पहुंचेंगे. जहां इस वर्ष के चातुर्मास के लिए वे उपस्थित रहेंगे.