अमरावती प्रतिनिधि/दि.21 – सरकार ने 14वें वित्त आयोग से पैसे लेने के सुझाव की सूचना का विरोध करते हुए आकोली रिंगरोड की पूर्तता के लिए निधि देने का प्रस्ताव सरकार के पास भेजने का निर्णय आमसभा ने लिया है.
बडी यातायात की दृष्टि से महत्वाकांक्षी ठरने वाला आकोली रिंगरोड भूसंपादन के चलते प्रलंबित है. वर्ष 2020 में मंजूर हुए इस रास्ते का काम पूर्ण करने के लिए 4 करोड 25 लाख रुपए की आवश्यकता रहने की बात प्रशासन की ओर से बताई गई. यह निधि 14वें वित्त आयोग से इस्तेमाल करने की सूचना सरकार ने मनपा से की है. इस आयोग के फिलहाल 13 करोड रुपए शेष है किंतु इस निधि से जलापूर्ति, बिजली देयक, सफाई व घनकचरा व्यवस्थापन आदि कामों का दायित्व है. कर्मचारियों को सातवां वेतन आयोग लागू किये जाने से व मनपा की आर्थिक स्थिति कमजोर रहने से सरकार ने सुझाया हुआ पर्याय इस्तेमाल नहीं करते आयेगा, इस तरह की कबुली प्रशासन ने दी है. सातवें वेतन आयोग के चलते तिजोरी पर हर महिने 1 करोड 35 लाख रुपए का आर्थिक बोझ बढेगा, ऐसा लेखाधिकारियों ने स्पष्ट किया. आकोली रिंगरोड का अधुरा काम पूर्ण करने के लिए 4 करोड 25 लाख रुपए की आवश्यकता है फिर भी पुराने भूसंपादन के बदले भूखंडधारकों को व न्यायालयीन निपटारे के बदले पूरे 20 करोड रुपए देना बाकी है, ऐसा स्पष्ट किया गया. जिससे आकोली रिंगरोड पूर्ण करने के लिए अभी 24 करोड 25 लाख रुपए की आवश्यकता है. इस रकम की व्यवस्था करना मनपा को संभव नहीं. पूर्व महापौर विलास इंगोले ने इस पर जिला नियोजन समिति से मांग करने वाला प्रस्ताव भेजने की सूचना की. वहीं मिलिंद चिमोटे ने पुरानी आयआरडीपी योजना का हवाला देते हुए आकोली रिंगरोड का उसमें समावेश करने की बात कही. आखिर महापौर ने इस विषय पर 4 करोड 25 लाख रुपए के लिए जिला नियोजन समिति के पास तथा 20 करोड रुपए के लिए सरकार के पास प्रस्ताव भेजा जाएगा, ऐसा निर्णय लिया.