अमरावती

विविध 700 हेक्टेअर जमीन का अधिग्रहण, 2,200 करोड का वितरण

सिंचाई अनुशेष सहित विविध प्रकल्प व समृद्धि महामार्ग के लिए अधिग्रहित की गई जमीनें

अमरावती/दि.20 – विगत 5 वर्ष के दौरान विविध सिंचाई प्रकल्पों सहित सिंचाई अनुशेष प्रकल्प व समृद्धि महामार्ग के लिए सरकार ने 7,097 हेक्टेअर जमीन का अधिग्रहण किया है. जिसके लिए संबंधित भूधारकों को 2,203 करोड रुपयों का मुआवजा दिया गया है. इसके अलावा कुछ विभागों ने अपने विभिन्न प्रकल्पों व कामों के लिए किसानों से सीधे जमीन खरीदी है. जिसके चलते हल्की प्रतवारीवाली जमीनों को भी बेहतरीन दाम मिले है. जिले में जारी दशक के दौरान बडे पैमाने पर सिंचाई प्रकल्प व सिंचाई अनुशेष प्रकल्प के काम हो रहे है. इसके अलावा विविध प्रकल्पों व महामार्ग के साथ समृद्धि महामार्ग के काम भी हुए है. जिसके लिए किसानों से उनके जमीनों का अधिग्रहण किया गया है. इसके अलावा और भी कई काम प्रस्तावित है. जिसके लिए जमीनों का अधिग्रहण किया जाना है. सरकार की नीति के अनुसार जमीन के रेडीरेकनर दामों से अधिक मुआवजा मिलने के चलते इस अधिग्रहण की वजह से किसानों का भी कोई नुकसान नहीं हुआ है. हालांकि इसके बावजूद कुछ मामलों में किसानों को प्राप्त मुआवजा कम महसूस होने पर उन्होंने इसे लेकर अदालत में गुहार लगाई है.
बता दें कि, अब सरकार की नीति के तहत संबंधित विभागों द्बारा किसानों से सीधे संपर्क करते हुए जमीन खरीदने का सौदा किया जाता है. कई महत्वपूर्ण प्रकल्पों के लिए यह तरीका बेहद सफल भी हुआ है.

* अगले तीन वर्ष में और 700 हेक्टेअर जमीनों का अधिग्रहण
जिले में अब भी कई प्रकल्प प्रस्तावित है और कुछ प्रकल्पों की प्रक्रिया चल रही है. जिनके लिए 700 हेक्टेअर जमीन का अधिग्रहण किया जाना है. जिसमें नांदगांव पेठ एमआईडीसी में आने वाले पीएम मित्रा प्रकल्प तथा मनपा के कुछ प्रकल्पों का समावेश है. जिनके लिए जमीनों का अधिग्रहण किया जाना है.

* रेडिनेकनर व फॉर्मूले पर तय होता है जमीन का दाम
इस क्षेत्र में जमीन अधिग्रहित करनी है. उस क्षेत्र में जमीन के रेडिनेकनर और विगत 3 वर्षों से चल रहे बाजार भाव के हिसाब से समिकरण तय करते हुए अधिग्रहण हेतु जमीन के दाम तय किए जाते है.

* किस प्रकल्प के लिए कितनी जमीन का अधिग्रहण
– सिंचाई अनुशेष अंतर्गत 31 प्रकल्पों हेतु 5087.74 हेक्टेअर तथा अन्य 18 सिंचाई प्रकल्पों हेतु 953 हेक्टेअर जमीन का अधिग्रहण किया गया है. जिसके लिए किसानों को करीब 1800 करोड रुपए का मुआवजा अदा किया गया है.
– जिले की 3 तहसीलों से होकर गुजरने वाले समृद्धि महामार्ग के लिए जिले में 1056 हेक्टेअर जमीन का भूसंपादन किया गया है. जिसके लिए किसानों को 403 करोड रुपए का मुआवजा अदा किया गया है. इसमें से कुछ जमीनें सीधी पद्धति से खरीदी गई है.

* राष्ट्रीय महामार्ग के लिए भी यहीं पद्धति
सिंचाई प्रकल्पों की तरह ही राज्य महामार्ग व राष्ट्रीय महामार्ग के लिए सरकार द्बारा जमीन का अधिग्रहण किया जाता है और इसके लिए भी इसी पद्धति से जमीन के दाम व मुआवजे की राशि तय किए जाते है. सरकार की नई नीति के अनुसार किसानों को बाजार भाव की तुलना में ज्यादा दाम व मुआवजा राशि दिए जाते है, ऐसा कुछ प्रमाण में दिखाई देता है.

* भूधारक किसान करें सहयोग
सरकार के विविध प्रकल्प हेतु जमीनों का अधिग्रहण किया जाता है. जिसके लिए भूधारकों को बाजार भाव से अधिक कीमत व मुआवजा राशि प्रदान की जाती है. विकास कामों के लिए जमीन की आवश्यकता रहने के चलते किसानों ने सरकार के साथ सहयोग करना चाहिए.
– आशीष बिजवाल,
उपजिलाधिकारी, भूसंपादन

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