अमरावती

मराठी नेम प्लेट के लिए 200 प्रतिष्ठानों को कार्रवाई की नोटिस

सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर मनपा क्षेत्र में हो रहा अमल

अमरावती/ दि. 2– सभी दुकानों व आस्थापनाओं के नाम फलक मराठी में लिखे जाए, इस हेतु सर्वोच्च न्यायालय द्बारा दी गई मुदत खत्म हो गई है. लेकिन इसके बावजूद भी शहर के कई दुकानदारों व आस्थापना धारको की ओर से इसे लेकर अनदेखी की जा रही है. जिसके परिणामस्वरूप मनपा के बाजार व परवाना विभाग में मराठी में नाम फलक नहीं रहनेवाले दुकानों व आस्थापनाओं के नाम नोटिस जारी करने का अभियान शुरू किया है. जिसके तहत विगत तीन दिनों के दौरान करीब 200 आस्थापना धारको को नोटिस जारी की गई है.
मनपा उपायुक्त जुम्मा प्यारेवाले के हस्ताक्षर से जारी की गई नोटिस में 6 मई 2022 के सरकारी पत्र तथा 17 मार्च 2022 के सरकारी राजपत्र का आधार लिया गया है. जिनमें दुकानों व आस्थापनाओं के नाम फलक देवनागरी लिपी व मराठी भाषा में रहना अनिवार्य किया गया है एवं अन्य किसी भी लिपि या भाषा में नाम फलक नहीं रहने हेतु सूचित किया गया है. मनपा प्रशासन को इस संदर्भ में की जानेवाली कार्रवाई की रिपोर्ट अदालत के पास देनी है और अदालती आदेश का पालन नहीं करनेवाले प्रतिष्ठानों व आस्थापनाओं के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जायेगी, ऐसा इस नोटिस में कहा गया है.

* अन्यथा होगी सीधी कार्रवाई
-समयावधि देने के बावजूद दुकानदारों ने मराठी में बोर्ड क्यों नहीं लगाए. इसके कारण स्पष्ट नहीं है.
-दुकान का नाम फलक मराठी में नहीं रहने पर सीधी कार्रवाई होगी
– नोटिस मिलने के बाद तत्काल ही मराठी में नाम फलक लगाना अनिवार्य है

दुकानों व आस्थापनाओं के नाम फलक मराठी में ही हो, ऐसा सर्वोच्च न्यायालय का आदेश है. जिसके चलते महानगर परिक्षेत्र में दुकानों की जांच पडताल की जा रही है और इन दुकानों पर मराठी में बोर्ड नहीं लगे है. उन्हें नोटिस दी जा रही है. जल्द ही सभी दुकानों व आस्थापनाओं पर मराठी में ही नाम फलक लगाने होगे.
– देवीदास पवार,
आयुक्त, अमरावती मनपा

सर्वोच्च न्यायालय द्बारा दी गई मुदत 25 नवंबर को खत्म होने के बाद मनपा ने कार्रवाई शुरू की है. जिसके तहत शुक्रवार को बाजार व परवाना विभाग के पथक ने कई दुकानों व आस्थापनाओं की जांच की. जिनमें से 34 दुकानों को नोटिस जारी की गई.
-सर्वोच्च न्यायालय के आदेश पश्चात सभी दुकानों व आस्थापनाओं पर तुरंत ही मराठी में नेम प्लेट दिखाई देगी, ऐसी अपेक्षा थी. परंतु ऐसा नहीं हुआ. जिसके चलते मनपा के पथक के सर्वेक्षण करते हुए नोटिस जारी करने की कार्रवाई शुरू की है.
– दिसंबर माह में यह मामला एक बार फिर अदालत के समक्ष रखा जायेगा. जिसके चलते आदेश पर अमल नहीं होने के मुद्दे को लेकर यदि अदालत ने कोई सख्त भूमिका अपनाई तो वह दुकानदारों को काफी महंगी व भारी पड सकती है.

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