पेडों पर विज्ञापन वालों पर की जाए कार्रवाई
प्रकृति प्रेमियों ने संबंधित प्रशासन से की मांग
अमरावती/दि.11– मार्केटिंग की दुनिया में एक समीकरण है कि, किसी उत्पाद का जितना अधिक प्रचार होगा, उसकी खपत उतनी ही अधिक होगी. अबे विज्ञापन कील की मदद से पेड़ों पर लगाए जा रहे हैं. जिससे पेड़ों की छलनी हो रही है. ऐसी हरकत करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग प्रकृति प्रेमियों ने की है.कई जगहों पर ऐसे विज्ञापन देखे जा सकते हैं. विज्ञापन लगाने के लिए पेड़ों को भी नहीं छोड़ा जा रहा है. बैनर-पोस्टर को चुस्त-दुरुस्त रखने के लिए चारों तरफ कील ठोक दी जाती है. कुछ विज्ञापनों के कागज भी पेड़ पर कील ठोक कर लगाए जाते हैं. समय के साथ पेड़ में ठीकी गई कीलों में जंग लग जाती है. परिणामस्वरुप पेड़ समग्र के साथ सड़ जाता है, शहरी क्षेत्र में पेड़ों पर लगे फ्लैक्स बोर्ड पेड़ों की मौत का कारण बन रहे हैं.
* संरक्षण की ओर अनदेखी
सरकार की पौधारोपण योजना हर जगह क्रियान्वित की जा रही है. सरकारी कार्यालय ही नहीं,सामाजिक संस्थाएं, स्कूल, कॉलेज भी पौधारोपण के लिए उपलब्ध रहेंगे, वहां भी पौधे लगाए जा रहे हैं, लेकिन प्रशासन द्वारा वृक्ष संरक्षण की अनदेखी के कारण एक तस्वीर यह देखने को मिल रही है कि, पौधारोपण तो बहुत है, किंतु जीवित वृक्षों की संख्या कम है.
* पौधों का संरक्षण करना जरूरी
राज्य सरकार हर साल करोड़ों पौधे लगाकर महाराष्ट्र को हरा-भरा बनाने की कोशिश कर रही है. राज्य सरकार के वन विभाग के तहत हर साल पौधारोपण गतिविधियां की जाती हैं. पौधारोपण करने से ज्यादा जरुरी उनका संरक्षण करना है.