शिक्षा विभाग की कार्रवाई से शिक्षा क्षेत्र में मची खलबली
अकोला-दि.23 शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) में गडबडी कर नकली प्रमाणपत्र प्राप्त करने वाले शिक्षकों की सूची जिला परिषद के शिक्षा विभाग को प्राप्त हुई हेै. इस सूची में अकोला जिले के सात शिक्षकों का समावेश हैैं. संबंधित शिक्षकों ने पात्रता न होने के बाद भी टीईटी प्रमाणपत्र प्राप्त किया. इसके कारण अब उनके वेतन रोकने की प्रक्रिया शुरु की जार ही है. शिक्षण विभाग की इस कार्रवाई से शिक्षा क्षेत्र में खलबली मच गई है.
महाराष्ट्र राज्य परीक्षा परिषद की 2019-20 में ली गई शिक्षक पात्रता परीक्षा का परिणाम 19 जनवरी 2020 को घोषित किया गया था. इस परीक्षा में 16 हजार 592 प्रत्याशी पात्र रहे. उसमें से 7 हजार 800 प्रत्याशी अपात्र रहने के बाद भी उनसे हजारों रुपये लेकर पात्र ठहराये जाने का मामला सामने आया था. इसके कारण इसमें 40 से 50 करोड रुपये से अधिक भ्रष्टाचार होने की बात स्पष्ट हुई थी. इसकी जांच पुणे सायबर पुलिस व्दारा की गई. इस बीच राज्य शासन ने 13 फरवरी 2013 के बाद अनुदानित, अंशत: अनुदानित, बीना अनुदानित स्कूल मेंं पांचवी से आठवीं तक पदासीन शिक्षकों के मूल टीईटी उत्तीर्ण प्रमाणपत्र की जांच पडताल करने का निर्णय लिया था. महाराष्ट्र राज्य परीक्षा परिषद के अध्यक्ष ने सभी अधिकारियों को प्रमाणपत्र प्रस्तुत करने के आदेश दिये थे.
इस आदेश के अनुसार शिक्षक विभाग में प्रमाणपत्र जमा करने की प्रक्रिया शुरु की. इस श्रृंखला में अकोला जिले के 521 प्रमाणपत्र जांच पडताल के लिए भिजवाये गए. इसमें से कितने रद्द हुए इस ओर पूरे शिक्षा विभाग का ध्यान लगा हुआ था. इस बीच अब नकली प्रमाणपत्र लेने वाले सात शिक्षकों की सूची जिला परिषद के शिक्षा विभाग को प्राप्त हुई है. जिसके कारण अब संबंधित नकली प्रमाणपत्र धारक शिक्षकों का वेतन रोका जाएगा.
अगस्त से वेतन रोकने के आदेश
टीईटी में गैर हेराफेरी और उसको लेकर कार्रवाई के बारे में शिक्षा संचालक ने शिक्षाधिकारी वेतन पथक अधिकारी को आदेश दिये है. अपात्र प्रत्याशियों की स्कूल की आयडी वापस ले ली गई है. जिसके अनुसार उन्हें अगस्त 2022 से ऑनलाइन या ऑपलाइन वेतन अदा नहीं किया जाएगा, इसका विशेष ध्यान रखे, ऐसा आदेश में उल्लेख किया गया है. फिर भी उन्हें वेतन अदा किया गया तो, संबंधित अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी, ऐसा आदेश में स्पष्ट किया गया है.
इन शिक्षकों का समावेश है
नकली प्रमाणपत्र प्राप्त करने वाले शिक्षकों में सात लोगों के नाम सामने आये हैं. जिसमें प्रवीणकुमार वसंतराव बोरकर (समर्थ गजानन महाराज मराठी प्राथमिक शाला, अकोला), सै. आतीफ अली सै.मुमताज अली (सफुरा शेख उर्दू प्राथमिक शाला, अकोट), राजू प्रकाश खिरोडकर (गुरु माउली प्राथमिक शाला, अकोट), दुर्गा नारायण होरे (मातोश्री मराठी प्राथमिक शाला, महान), सुषमा दत्तात्रय शितोले (सेंट न्स प्रा. स्कूल), पल्लवी सुरेश शेवाणे (सेंट न्स प्रा. स्कूल) और गौरव अर्जुन कौलकर (सरस्वती प्राथमिक विद्या मंदिर, हिवरखेड) का समावेश है.