साइबर सेल के माध्यम से ही मुख्य सूत्रधार पर होगी कार्रवाई
दसवीं के गणित के पर्चा लीक का मामला

चांदूर बाजार /दि.8 – तहसील के सात सेंटरों के को गणित माध्यम से 5 मार्च को 1,530 छात्रों को गणित विषय का पेपर देना था, जिसमें से 1515 छात्र पेपर के लिए उपस्थित रहे. ऐसे में प्रेबर लीक मामले से मेधावी छात्रों को बड़ा नुकसान हुआ. ऐसे में भले ही इस मामले में केस दर्ज हुआ हो, लेकिन भारतीय न्याय प्रणाली में सख्त सजा का प्रावधान नहीं होने के कारण पुलिस हिरासत में लिए गए आरोपी को तुरंत जमानत मिल गई. इस कारण इस मामले में लिप्फे आरोपी तथा मुख्य सूत्रधार तक पहुंचने के लिए पुलिस प्रशासन को अब साइबर सेल के जरिए ही कार्रवाई करनी होगी. वहीं, शिक्षा विभाग पर भी कई आरोप लग रहे हैं.मेधावी विद्यार्थियों का नुकसान जहां एक ओर महाराष्ट्र में कॉपी मुक्त अभियान चलाया जा रहा है, वहीं गणित जैसे विषय का पेपर लीक होकर कई छात्रों तक पहुंचा. छात्रों ने उसकी जेरॉक्स निकालकर अपने नजदीकी छात्र-छात्राओं को देकर नकल करने में सहयोग किया. यह मामला गंभीर है. ऐसे में जो मेधावी छात्र कड़ी मेहनत कर पढ़ाई करके पेपर देने आते हैं, उनका ऐसी घटनाओं से बड़ा नुकसान होता है.
पेपर लीक मामले में सख्त सजा का प्रावधान भारतीय दंड संहिता में नहीं होने के कारण आरोपियों के हौसले बुलंद हैं, जिससे ऐसे मामले बार-बार हो रहे हैं. मामला प्रकाश में आते ही शिक्षा विभाग के संबंधित आला अधिकारी प्रणाली देशमुख ने चांदूर बाजार तहसील के कुछ सेंटरों का दौरा किया. वहीं सभी सेंटरों पर पुलिस का कड़ा बंदोबस्त देखा गया, गट शिक्षण अधिकारी वकार अहमद ने भी सभी केंद्र प्रमुखों को हिदायत दी कि अगर ऐसे मामले दोबारा होते हैं तो संबंधित सेंटर पर भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
वहीं, इस मामले में गट शिक्षण अधिकारी वकार अहमद खान ने कहा कि यह मामला हमारे नियंत्रण में नहीं हुआ.. हमारे केंद्र प्रमुखों ने दी गई सूचनाओं का कड़ाई से पालन किया. इस मामले की जांच साइबर सेल के जरिए होनी चाहिए और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए.
* दोषियों पर हो कार्रवाई : देशमुख
इस मामले में जिजामाता विद्यालय कनिष्ठ महाविद्यालय की संस्थापक अध्यक्ष एवं पूर्व राज्यमंत्री वसुधा देशमुख ने इसे बेहद गंभीर मामला बताते हुए कहा कि दोषियों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए.