अमरावती

पानी में जहर घोला, तो होगी कार्रवाई

राज्य प्रदूषण मंडल से 7 माह में 2 कंपनियों को नोटीस

अमरावती /दि.18 औद्योगिक क्षेत्र में रहने वाले कारखानों से गंदगी व रसायनयुक्त पानी को नदी-नालों में छोडे जाने के चलते पानी का पानी प्रदूषित होता है. कुछ कंपनियां ऐसा करते हुए एक तरह से पानी में जहर घोलने का काम करती है. ऐसी कंपनियों पर महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण मंडल द्बारा कार्रवाई की जाती है. इसी के तहत विगत 7 माह के दौरान प्रदूषण नियंत्रण मंडल द्बारा जल प्रदूषण करने वाली 2 कंपनियों को नोटीस जारी करते हुए अपने कामकाज में सुधार करने का निर्देश दिया गया है.
उल्लेखनीय है कि, अमरावती एमआईडीसी में आइल मिल, दालमिल व इंजिनियरिंग से संबंधित कारखाने है. जहां से कोई विशेष जलप्रदूषण नहीं होता. इसी तरह नांदगांव पेठ स्थित अतिरिक्त एमआईडीसी में टेक्स्टाइल से संबंधित कारखाने है. जहां से कुछ पैमाने पर केमिकलयुक्त पानी व गंदगी बाहर निकलती है. ऐसे में प्रदूषण को नियंत्रित रखने का नियोजन करने की जिम्मेदारी संबंधित कंपनियों के उपर ही होती है. वहीं प्रदूषण नियंत्रण मंडल द्बारा नियमित रुप से जांच करते हुए नजर रखी जाती है और प्रदूषण करने वाले कारखानों को नोटीस जारी करते हुए आवश्यक कानूनी कार्रवाई भी की जाती है.

* किस एमआईडीसी में कितने कारखाने?
– अमरावती एमआईडीसी
अमरावती एमआईडीसी में कुल 584 भूखंडों का वितरण हुआ है. जिसमें से 413 भूखंडों पर कारखाने चल रहे है. वहीं 76 भूखंड फिलहाल प्रयोग में नहीं है.
– नांदगांव पेठ एमआईडीसी
नांदगांव पेठ में स्थापित अतिरिक्त एमआईडीसी मेें 1060 भूखंडों का वितरण हो चुका है. जिसमें से 113 भूखंडों पर कारखाने स्थापित होकर उत्पादन शुरु हो गया है. वहीं 864 भूखंड फिलहाल खाली पडे है.

* प्रदूषित पानी नाले में छोडे जाने की शिकायतें बढी
औद्योगिक क्षेत्र में स्थित कारखानों से निकलने वाला प्रदूषित पानी नालों में छोडा जाता है. जिसमें कई तरह के केमिकल व रंग मिले होते है. जिनसे नाले के पानी सहित भूगर्भिय जल के भी प्रदूषित होने का खतरा होता है.
– नदी-नाले के किनारे रहने वाले गांववासियों द्बारा अक्सर ही कारखानों से रसायनयुक्त पानी को नदी-नालों के पानी में छोडे जाने की शिकायतें दर्ज कराई जाती है. इन शिकायतों के आधार पर प्रदूषण नियंत्रण विभाग द्बारा कार्रवाई की जाती है.

* यह कार्रवाई होती है
कारखानों से निकालने वाले प्रदूषित पानी को प्रदूषण नियंत्रण मंडल द्बारा जांचते हुए संबंधित कारखानों को पहले नोटीस दी जाती है और इसमें कोई सुधार नहीं होने पर संबंधित कारखाने को बंद करने की कार्रवाई भी की जाती है.

* कहां करें शिकायत?
प्रदूषण नियंत्रण कानून का उल्लंघन होने पर शिकायतकर्ता व्यक्ति द्बारा शहर के बापटवाडी परिसर में स्थित महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण मंडल के कार्यालय में प्रत्यक्ष लिखित शिकायत की जा सकती है. जिसके अलावा ऑनलाइन तरीके से अथवा दूरध्वनी के जरिए भी शिकायत दर्ज कराई जा सकती है.
* कारखानों से रसायनयुक्त पानी को नदी-नालों में छोडे जाने पर संबंधित कारखानों के खिलाफ निश्चित तौर पर कानूनी कार्रवाई की जाती है. ऐसे में किसी भी कारखाने के जरिए जलप्रदूषण होने की बात समझमें आने पर नागरिकों द्बारा प्रदूषण नियंत्रण मंडल के पास शिकायत दर्ज कराई जानी चाहिए. ताकि संबंधित कारखानों के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई की जा सके.
– एस. डी. पाटील,
प्रादेशिक अधिकारी,
महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण मंडल

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