अमरावती

शाला बंद दिखाई देने पर की जाएगी कार्रवाई

प्राथमिक शिक्षण अधिकारी ने कहा

अमरावती/दि.10 – कोरोना प्रादुर्भाव की वजह से विद्यार्थी शालाओं में नहीं आ रहे है. विद्यार्थियों के न आने से शिक्षकों ने भी शालाओं में आना बंद कर दिया है. ऐसा शिक्षण सभापति के समक्ष मामला सामने आया है. इसमें शाला के समय में अगर शालाओं पर ताला दिखाई दिया तो शिक्षक सहित पर्यवेक्षकीय अधिकारियों पर कार्रवाई की जाएगी ऐसा इशारा प्राथमिक शिक्षण अधिकारी द्बारा दिया गया है.
कोरोना प्रादुर्भाव के चलते राज्य में शालाबाहृय विद्यार्थियों का सर्वेक्षण किया गया था. शुरुआत में शिक्षक संगठनाओं ने नानुकुर कर आखिरकार किसी भी तरह से सर्वेक्षण किया. इसी दौरान अमरावती जिला परिषद के शिक्षण सभापति सुरेश निमकर ने जिले की कुछ शालाओं को भेंट देना शुरु किया. भेंट के दौरान उन्हें कुछ शालाओं पर ताले नजर आए. पिछले साल से विद्यार्थियों के बगैर शालाएं सुनी पड गई थी. शिक्षक भी शालाओं में नहीं जा रहे थे.
राज्य सरकार ने शुरुआत में 50 फीसदी उसके पश्चात शत प्रतिशत और अब पुन: 50 फीसदी उपस्थिती के आदेश दिए है. कुछ शिक्षकों को शालाओं में अप-डॉउन की सुविधा नहीं रहने की वजह से शाला बंद है ऐसा कहा गया. कोरोना की वजह से कक्षा 1 से 8 वीं तक पूरी तरह से पढाई न होने की वजह से उन्हें शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के तहत उन्हें उत्तीर्ण कर दिया गया था.
पहले 50 फीसदी उपस्थिती में समय का बंधन पाला नहीं जा रहा था. ऐसी परिस्थिती में शालाएं बंद रहने की वजह से समाज में शिक्षा विभाग की प्रतिमा मलीन हो रही थी. यह सभापति व पदाधिकारियों को शाला को भेंट देने के दौरान नजर आया. इसके आगे अब शाला सुबह 7.30 से 11.30 तथा बांधकाम शुरु शालाओं में पूरे समय तक मुख्याध्यापक व शिक्षक न पाए जाने पर शिक्षक मुख्याध्यापक सहित पर्यवेक्षक भी जवाबदार होंगे और उन पर कार्रवाई करने का इशारा शिक्षण अधिकारी द्बारा दिया गया.

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