जिला मध्यवर्ती बैंक के 4 कर्मचारियों पर होगी कार्रवाई
मामला 700 करोड के म्युच्यूअल फंड घोटाले का
प्रशासक सतीश भोसले ने किये आरोपियों के नाम निश्चित
कहा… आज ही पुलिस को सौंपी जाएगी रिपोर्ट
अमरावती/दि. 18- किसानों की अपनी बैंक के रुप में पहचान रखने वाले अमरावती जिला मध्यवर्ती सहकारी बैंक व्दारा 700 करोड रुपए का निवेश एजंट व्दारा म्युच्यूअल फंड में करने के कथीत घोटाले की पोलखोल बैंक के वर्ष 2017 से 2020 तक किये गए ‘इन्व्हेस्टमेंट ऑडिट’ में स्पष्ट हुई थी. उस समय जिला मध्यवर्ती बैंक पर नियुक्त प्रशासक सतीश भोसले ने सिटी कोतवाली पुलिस थाने में इस मामले में शिकायत दर्ज की थी. शिकायत में उन्होंने बैंक के पूर्व संचालक मंडल को अंधेरे में रखकर बैंक के सीईओ, मुख्य इन्व्हेस्टमेंट ऑफिसर, सांख्यिकी अधिक्षक और अकाउंटंट को जिम्मेदार ठहराया था. इस शिकायत के साथ प्रशासक भोसले ने ऑडिट रिपोर्ट की प्रत भी शिकायत के साथ जोडी थी, लेकिन इस रिपोर्ट में कुछ बाते अस्पष्ट थी. इस कारण पुलिस की ओर से प्रशासक भोसले को पत्र लिखकर यह व्यवहार जिस समय हुए उस समय संबंधित पद पर कौन था, उनके नाम निश्चित कर और उनका उस पद पर नियुक्ति का समयावधि निश्चित कर स्पष्ट व विस्तृत रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा था. प्रशासक सतीश भोसले ने आज ‘दै.अमरावती मंडल’ को बताया कि चार्टड अकाउंटंट की रिपोर्ट उन्हें प्राप्त् हुई है. उसपर पूर्व संचालक मंडल ने भी जिस समय व्यवहार हुए, उस समय इस पद पर कौन था, इसकी विस्तृत सूचि हमें दी है. आज शाम तक यह विस्तृत रिपोर्ट कोतवाली पुलिस को सौंपी जाएगी. इस विस्तृत रिपोर्ट में म्युच्यूअल फंड में निवेश के समय बैंक के सीईओ, चीफ इन्व्हेस्टमेंट ऑफिसर, सांख्यिकी विभाग में और अकाउंटंट पद पर जो अधिकारी, कर्मचारी थे उनके नाम का समावेश है. जिससे यह स्पष्ट है कि म्युच्यूअल फंड में 700 करोड का निवेश करने के मामले में जिला मध्यवर्ती सहकारी बैंक के 4 कर्मचारियों पर कार्रवाई होना निश्चित है.
उल्लेखनीय है कि इससे पहले जब यह मामला पुलिस आयुक्त डॉ.आरती सिंह के पास पहुंचा, उस समय पुलिस आयुक्त ने प्रशासक सतीश भोसले को बुलाकर इस मामले में जल्द से जल्द विस्तृत ऑडिट रिपोर्ट आरोपियों के नाम निश्चित कर देने के लिए कहा था, लेकिन उसके बाद प्रशासक भोसले का चालक कोरोना पॉजिटीव आ जाने के कारण प्रशासक सतीश भोसले नागपुर में क्वारेंटाईन हो गए थे. विशेष यह कि अमरावती जिला मध्यवर्ती सहकारी बैंक यह किसानों की अपनी बैंक मानी जाती है, लेकिन बैंक के प्रशासन ने 700 करोड का निवेश निप्पॉन कंपनी के म्युच्यूअल फंड में किया था. बैंक ने यह व्यवहार करते समय निप्पॉन कंपनी के रेड्डी नामक ब्रोकर को मध्यस्थी किया. बैंक ने यह निवेश स्वयं न करते हुए ब्रोकर व्दारा करने से ब्रोकर को 7 करोड का कमीशन गया. बैेंक व्दारा कोई भी व्यवहार करने से पहले संचालक मंडल में उसका प्रस्ताव पारित करवाना आवश्यक रहता है, लेकिन यह निवेश बैंक के संचालक मंडल की सभा में किसी प्रकार का प्रस्ताव न लेते हुए किया गया, ऐसा प्रशासक सतीश भोसले का कहना है. इसी कारण आने वाले दिनों में इस मामले में जिला मध्यवर्ती बैंक के कर्मचारियों पर अपराध दर्ज होना लगभग तय माना जा रहा है.