अमरावती /दि. 7– आधुनिक जीवनशैली और खानपान की अनियमितता से शरीर पीडा और बीमारी झेलता है. शरीर की पीडा मुक्ति के लिए एक्युप्रेशर रामबाण उपाय होने का दावा, अरिहंत सुजोग नेचरोपैथी क्लीनिक की संचालक रश्मी सुमीत मिथानी ने किया. उन्होंने बताया कि, एक्युप्रेशर के कारण कई लोगों को लाभ मिला है. पुराने दर्द से छुटकारा मिला है. उन्हें भी लोगों को पीडारहित करने से संतोष प्राप्त होता है.
* केडीके कालेज से पढाई
रश्मी ने बताया कि, उन्होंने नागपुर के केडीके महाविद्यालय से 3 वर्ष पढाई कर डीवाईएनएस की डिग्री प्राप्त की है. आयुर्वेदिक थेरपी की वह प्रैक्टीस कर रही है. लकवा तक के मरिज एक्युप्रेशर से ठीक होने लगे हैं. चलने-फिरने लगे है. उसी प्रकार स्पाँडीलाइटीस, साईटिका का भी उपचार करती है. घुटने और कमर दर्द से लोगों को छुटकारा मिला है.
* तुलना में खर्च कम
रश्मी मिथानी ने बताया कि, शरीर की कोई नस दब जाने से पीडा शुरु होती है. एलोपैथी की तुलना में नेचरोपैथी में कम खर्च में उपचार होता है. उनका क्लीनिक सुबह 9 से शाम 5 बजे तक सेवा देता है. उसी प्रकार शाम को वह चैरिटी सेवा देती है. एक्युप्रेशर को समझाने का प्रयास करते हुए मिथानी ने बताया कि, नैसर्गिक वेदना निवारण उपचार पद्धति है. शरीर में रक्त संचारण सुचारु किया जाता है. पीठ दर्द, सिर दर्द, मधुमेह, थकान, रोग प्रतिकार शक्ति, एलर्जी, लकवा, बदन दर्द, जोडों का दर्द आदि अनेक बीमारियों का उपचार का प्रयास वें करती है. अनेक लोगों को इसका लाभ मिला है. यह बात जो उनसे उपचार करवा चुके हैं, वह आकर बताते है. ट्रांस्पोर्टर महेश उर्फ पप्पू राठी ने बताया कि, उनके दाहिने हाथ में दर्द था. जिससे गर्दन में पट्टा लगाना पडता था. दो-तीन दिनों के उपचार में ही उन्हें बडा आराम मिला.