अमरावती

20 को मनपा के समक्ष तीव्र आंदोलन

आयुक्त आष्टीकर को हटाने की उठाई जाएंगी मांग

नागरी कृति समिति ने दी पत्रवार्ता मेें जानकारी
अमरावती/दि.17 – जब से अमरावती मनपा में डॉ. प्रवीण आष्टीकर ने आयुक्त पद का जिम्मा संभाला है, तब से अमरावती शहर के विकास की उलटी गिनती शुरु हो गई है. साथ ही प्रशासक बनने के बाद आयुक्त आष्टीकर पूरी तरह से निरंकुश हो गए है और मनपा में बडे पैमाने पर भ्रष्टाचार के खेल खेला जा रहा है. जिसके तहत पूरी महानगरपालिका व अमरावती शहर को निजी ठेकेदारों के हवाले कर दिया गया है. ऐसे में आयुक्त आष्टीकर हटाओ – अमरावती शहर बचाओ की मांग बुलंद करते हुए आगामी 20 फरवरी को सुबह 11 बजे मनपा मुख्यालय के सामने तीव्र आंदोलन किया जाएगा. इस आशय की जानकारी अमरावती शहर नागरी कृति समिति द्बारा आज यहां बुलाई गई पत्रकार परिषद में दी गई.
इस पत्रवार्ता में नागरी कृति समिति की ओर से पूर्व पार्षद मुन्ना राठोड ने बताया कि, आयुक्त आष्टीकर ने मनमाने ढंग से संपत्ति करो में 2 से 3 गुना वृद्धि की. साथ ही संपत्ति मूल्यांकन करते हुए संपत्ति कर को बढाने का षडयंत्र रचा जा रहा है. जिसके तहत संपत्ति कर वसूली का ठेका भी एक निजी एजेंसी को देने का प्रयास चल रहा है. वहीं इससे पहले 28 करोड रुपए का मनुष्यबल ठेका 3 वर्षों के लिए नियमबाह्य तरीके से देकर कर्मचारियों के आर्थिक शोषण की खुली छूट दे दी गई है. साथ ही नवाथे प्लॉट स्थित 150 करोड रुपयों की जमीन केवल 12 करोड रुपए में देने का षडयंत्र रचते हुए अपने ही शहर का 138 करोड रुपए का नुकसान किया जा रहा है. वहीं पुंजीपतियों को आर्थिक लाभ पहुंचाने के लिए प्रभाग निहाय ठेका पद्धति रद्द कर साफ-सफाई के ठेके झोन निहाय देेने का भी षडयंत्र रचा जा रहा है.
इसके साथ ही इस पत्रवार्ता में यह आरोप भी लगाया गया कि, अमरावती आते ही आयुक्त आष्टीकर ने अपने कक्ष के नुतनीकरण पर मनपा की तिजोरी से 9 करोड रुपए खर्च कर डाले. साथ ही देश गौरव नेताजी सुभाषचंद्र बोस द्बारा उद्घाटित की गई मनपा की ऐतिहासिक इमारत को तोडकर केवल अपने कमिशन के लिए 15 करोड रुपए खर्च करने का षडयंत्र रचा जा रहा है. इसी तरह नेताजी बोस द्बारा उद्घाटित नेहरु मैदान स्थित मनपा की पुरानी लाल स्कूल के साथ ही टाउन हॉल को तोडकर यह जमीन बिल्डरों को देने की कोशिश की जा रही है. इसके अलावा विगत डेढ वर्ष से आयुक्त आष्टीकर अपनी सुरक्षा पर मनपा की तिजोरी से प्रतिमाह 10 लाख रुपए का खर्च करते है. यह सीधे-सीधे अमरावती जनता के गाढे पसीने की कमाई का दुरुपयोग है. ऐसे में मनपा आयुक्त प्रवीण आष्टीकर के कार्यकाल में हुए सभी कामों का विशेष ऑडिट होना चाहिए. इस मांग के साथ ही पूर्व पार्षद मुन्ना राठोड ने कहा कि, अमरावती शहर के हितों को देखते हुए आयुक्त आष्टीकर को तत्काल प्रभाव से पद से हटाना बेहद जरुरी हो गया है.
इस पत्रकार परिषद में मुन्ना राठोड, समीर जवंजाल, प्रवीण डांगे, सुनील शेटे व रामा सोलंके आदि उपस्थित थे.

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