अमरावती/दि.23-घटना दुरुस्ती से धनगड एवं धनगर यह शब्दभेद नष्ट किया जाये व महाराष्ट्र के धनगर समाज को तुरंत उनके घटनात्मक अधिकार के अनुसार अनुसूचित जमाती प्रवर्ग में समाविष्ट कर न्याय दिया जाये, ऐसी मांग सांसद नवनीत राणा ने मंगलवार 22 मार्च को लोकसभा में की.
संविधान निर्माता भारतरत्न डॉ. बाबासाहब आंबेडकर ने जिस उद्देश्य से धनगरों को आरक्षण देने के लिए इस समाज को अनुसूचित जमाती में समाविष्ट किया था. धनगर की बजाय धनगड़ ऐसा उल्लेख आने से महाराष्ट्र का धनगर समाज यह स्वतंत्रता काल से अपने मूलभूत अधिकारों से वंचित है.
धनगर समाज यह भटकंती करने वाला होने के साथ ही गत 10 हजार वर्षों से जंगल, नदी किनारे रहकर बकरी-भेड़ पालन कर अपना उदरनिर्वाह व नैसर्गिक साधन संपत्ति का रक्षण भी कर रहा है. जिसके चलते इस समाज को अनुसूचित जमाती का दर्जा मिलना यह उनके नैसर्गिक व न्यायिक अधिकार होने से धनगर समाज को अनुसूचित जमाति में समाविष्ट किया जाये.
इस समाज की नई पीढ़ी को प्रगति के व सामाजिक न्याय का दालन खुला किया जाये. इस समाज की उन्नती के लिए केंद्र सरकार द्वारा प्रयास कर धनगड एवं धनगर इस बाबत का होने वाला हंगामा व नासमझ घटना दुरुस्ती से दूर करने की मांग सांसद नवनीत राणा ने की.