अमरावती

कोरोनाकाल में जिप के स्वास्थ्य विभाग का 3.2 करोड का अतिरिक्त खर्च

44 करोड 97 लाख 92 हजार की निधि जिले को वितरित

* खर्च किया 41 करोड 99 हजार रुपए
* राज्य के स्वास्थ्य संचालक ने जिप को दिया नोटिस
अमरावती/दि.10- कोरोनाकाल में शासन की तरफ से मिली निधि में से नियमों को नजरअंदाज करते हुए, 3 करोड 2 लाख 97 हजार रुपए का अतिरिक्त खर्च किए जाने से स्वास्थ्य संचालक ने जिला परिषद के जिला स्वास्थ्य अधिकारी और जिला शल्य चिकित्सक को नोटिस भेजकर खर्च का हिसाब मांगा हैं. स्वास्थ्य विभाग को 44 करोड 97 लाख 92 हजार निधि वितरित की गई थी. लेकिन कोरोनाकाल में स्वास्थ्य विभाग व्दारा 48 करोड 99 हजार का खर्च किया रहने की बात प्रकाश में आई हैं.
जिला परिषद का स्वास्थ्य विभाग किसी न किसी कारण से चर्चा में रहते अब कोरोनाकाल में किए अतिरिक्त खर्च के कारण फिर दुविधा में आ गया हैं. देशभर में कोरोना के कारण जनजीवन ठप था. शासन की तरफ से करोडो रुपए की निधि उपचार और सुविधा के लिए वितरीत की गई थी. उसके मुताबिक अमरावती जिले को भी करोडों की निधि दी गई. कोरोना संक्रमण पर नियंत्रण व उपचार के लिए केंद्र शासन की तरफ से इसीआरपी ‘क’ अंतर्गत अनुदान मंजूर किया गया था. इस निमित्त से इस प्रारुप अंतर्गत जिले को अनुदान मंजूर किया गया था. इसके लिए इस कार्यालय की तरफ से आवश्यक सूचना भी निगर्मित की गई थी. इस कारण मंजूर प्रारुप के अधिन रहकर और इस कार्यालय की तरफ से समय-समय पर दी गई सूचना के मुताबिक खर्च करना अपेक्षित था. लेकिन इन नियमों को नजरअंदाज करते हुए स्वास्थ्य विभाग व्दारा अतिरिक्त खर्च करने की बात स्पष्ट हुई हैं. इसीआरपी अंतर्गत अमरावती जिले के लिए 44 करोड 97 लाख 92 हजार निधि वितरित की गई थी. लेकिन वित्त विभाग (राष्ट्रीय स्वास्थ्य अभियान मुंबई) से प्राप्त जानकारी के मुताबिक अमरावती जिले में कुल 48 करोड 99 हजार खर्च किया हैं. यानि मंजूर अनुदान से 3 करोड 2 लाख 97 हजार अतिरिक्त खर्च किए जाने की बात प्रकाश में आई हैं. इस कारण किया गया अतिरिक्त खर्च किस काम के लिए और किस एफएमआर कोड अंतर्गत किस बात पर किया गया, इसकी विस्तृत जानकारी तत्काल प्रस्तुत करने के आदेश राष्ट्रीय स्वास्थ्य अभियान के संचालक स्वास्थ्य सेवा पुणे डॉ. नितिन अंबाडेकर ने जिला स्वास्थ्य अधिकारी व जिला शल्य चिकित्सक को दिए हैं. इस बाबत जिला स्वास्थ्य अधिकारी से संपर्क करने पर वे उपलब्ध नहीं हो पाए. इस कारण उनकी प्रतिक्रिया नहीं ली जा सकी.

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