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अश्व पर विराजमान होकर आएंगी आदिशक्ति

चैत्र नवरात्रि में शहर में 9 दिनों तक होगी मां जगतजननी की आराधना

अमरावती/दि. 3 – चैत्र नवरात्रि का पर्व 9 अप्रैल से प्रारंभ हो रहा है. इस वर्ष मां जगतजननी अश्व यानी घोडे पर विराजमान होकर आएंगी. इसी दिन गुढीपाडवा भी है. हिंदू नववर्ष यानी विक्रम संवत 2081 की शुरुआत भी इसी दिन हो रही है. इस संबंध में जानकारी देते हुए पंडित प्रकाश महाराज ने बताया कि, चैत्र नवरात्रि प्रतिपदा तिथि 8 अप्रैल को देर रात 12 बजकर 02 मिनट पर आरंभ होगी और अगले दिन यानी 9 अप्रैल को रात के समय 9 बजकर 52 मिनट पर समाप्त होगी. चूंकि हिंदू धर्म में कोई भी त्यौहार सूर्योदय के साथ प्रारंभ होता है. इसलिए उदयातिथि को ध्यान में रखते हुए 9 अप्रैल से ही चैत्र नवरात्रि प्रारंभ होगी. इसी दिन घट स्थापना की जाएगी.
इन 9 दिनों में आदिशक्ति मां दुर्गा के 9 स्वरुपों की पूजा की जाएगी. उन्होंने बताया कि, 9 दिनों का यह महापर्व राम नवमी के साथ 17 अप्रैल को समाप्त हो जाएगा.

* अबूझ मुहूर्त
पंडित प्रकाश महाराज के अनुसार गुढीपाडवा अबूझ मुहूर्त होता है. इस दिन किसी भी कार्य को आरंभ किया जा सकता है. इसके लिए किसी भी तरह के सोच-विचार की आवश्यकता नहीं होती. इस दिन शुरु होने वाले कार्य विशेष फलदायी होते है. उन्होंने बताया कि, इस बार चैत्र नवरात्रि के पहले दिन सर्वार्थ सिद्धि योग और अमृत योग का शुभ संयोग भी बन रहा है. यह सर्व कार्य सिद्धि के लिए बहुत ही शुभ माना जा रहा है.

* घट स्थापना का मुहूर्त
पंडित करण पुरोहित के अनुसार नवरात्रि में घट स्थापना, कलश स्थापना अमृत काल में करना बहुत अच्छा माना जाता है. इसीलिए इस वर्ष चैत्र नवरात्रि में अमृत काल का समय केवल 90 मिनट का होगा. उन्होंने बताया कि, प्रात: 6 बजकर 05 मिनट से अमृतकाल प्रारंभ होगा. जो सुबह 7 बजकर 35 मिनट तक रहेगा. इसके बाद का समय यानी 4 घंटे 10 मिनट का यह मुहूर्त सामान्य मुहूर्त माना जा रहा है. इसके बाद घट स्थापना के लिए अभिजीत मुहूर्त सुबह 11 बजकर 45 मिनट से दोपहर 12 बजकर 48 मिनट तक रहेगा. इसके बाद अपरान्ह 4 बजकर 31 मिनट से रात 7 बजकर 48 मिनट तक भी घट स्थापना की जा सकती है.

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