प्रशासन पर लगाया बोगस पंचनामें करने का आरोप
संपप्त किसानों द्बारा मंडी प्रशासक का घेराव

* मंडी में भीगे अनाज का मुआवजा मांगा
* सभी किसानों के पंचनामें करने के निर्देश
अमरावती/दि.20– शनिवार व रविवार को हुई बारिश में कृषि उपज मंडी के यार्ड में रखा किसानों का अनाज भीगकर खराब हो गया. किसानों के खराब अनाज के पंचनामें कर किसानों को मुआवजा देने के निर्देश जिला पालकमंत्री यशोमति ठाकुर ने दिये. लेकिन मंडी प्रशासन द्बारा बोगस पंचनामें कर किसानों को मुआवजे से वंचित रखा जा रहा है. जिस पर भडके किसानों ने आज कृषि उपज मंडी के प्रशासक का घेराव कर सभी किसानों के माल के पंचनामें कर मुआवजा देने की मांग की. 15 दिनों के भीतर यह प्रक्रिया निपटाने का अल्टीमेटम दिया गया है.
कृषि उपज मंडी में जिन किसानों का माल शेड के नीचे रखा गया, उसी माल का मुआवजा देने का प्रावधान है. लेकिन यार्ड में टिन शेड के नीचे अधिकांश माल व्यापारियों का था. किसानों का माल यार्ड मैदान में खुले में पडा था, जो भीगकर खराब हो गया. ऐसे में किसानों को मुआवजा कैसे मिलेगा, इसका जवाब भी किसानों ने प्रशासक से मांगा. आंदोलकों ने कृषि उपज मंडी के उद्घोषणा कक्ष से सभी किसानों को अपने माल के पंचनामें करवाने का अनुरोध किया. जिससे असंख्य किसान अपने माल का पंचनामा करवाने के लिए प्रशासक कार्यालय पर धमके थे. आगामी 15 दिनों के भीतर सभी किसानों के पंचनामें कर उन्हें मुआवजा दिया जाए. कृषि मंडी में किसानों का माल शेड में ही रखना बंधनकारक करें आदि मांगें प्रशासक से की गई. आंदोलन में सोपान गुडधे, शेखर अवघड, उमेश महिंगे, सुधीर बोबले, समीर जवंजाल, अनिकेत सावरकर, विजय मंडाले, विकास देशमुख, किरण महल्ले, दिनकर सुंदरकर, अमोल भारसाकले, अक्षय साबले, प्रवीण मोहोड, सत्यजीत राठोड, उमेश वाकोडे, संकेत भुगुल, अजिंक्य वानखडे, योगेश देशमुख, श्याम गवली, यशवंत गुडधे, राजेंद्र तायडे, रजित तिडके, रजित खाडे आदि शामिल थे.