* मामला रोबोटीक सर्जरी युनिट के निधि वितरण का
अमरावती/दि.24 – वर्तमान में राज्य में जो राजनीतिक उठापठक जारी है, इसकी चर्चा पूरे देश में हो रही है. वैसे भी सरकारी काम कभी समय पर नहीं होता. वर्तमान में तो राजनीतिक अस्थिरता निर्माण हुई है. जिससे सभी सरकारी काम प्रभावित हो रहे है. इसी स्थिति को देखते हुए हाईकोर्ट ने भी स्वयं ही एक मामले में प्रशासन को महिने भर का समय बढाकर दिया. जिससे राजनीतिक उठापठक का असर कहा तक हुआ है, इसका उदाहरण मिल गया. हाईकोर्ट ने जिस मामले में प्रशासन को एक महिने का समय बढाकर दिया है, वह मामला सरकारी मेडिकल कॉलेज की सेवा सुविधाएं व मेडिकल में रोबोटीक सर्जरी युनिट के लिए निधि वितरण से संबंधित है.
सरकारी मेडिकल कॉलेज व महाविद्यालय मेें अधूरी सेवा सुविधाओं को लेकर हाईकोर्ट में न्यायमूर्ति सुनिल शुक्रे व जी.ए. सानप की खंडपीठ में सुनवाई शुरु है. इस मेडिकल कॉलेज में रोबोटीक सर्जरी युनिट उठाने का प्रस्ताव विगत कई वर्षों से प्रलंबित है. विगत ुसुनवाई में इस प्रोजेक्ट को लेकर कोर्ट में जानकारी दी गई थी कि, वर्ष 2019 में इस युनिट के लिए 16.80 करोड रुपयों का प्रावधान किया गया. लेकिन ठेका प्रक्रिया पूर्ण होने पर इस काम के लिए 20 करोड रुपए का खर्च आने की बात सामने आयी. जिससे इस युनिट के स्थापना में 3.62 करोड रुपए कम पड रहे है. ऐसा कोर्ट को बताया गया. कोर्ट ने संबंधित निधि जिला नियोजन व सीएसआर फंड से उपलब्ध कराने के आदेश जारी किये थे. इसी मामले में बुधवार को हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. जिला खनिज निधि के माध्यम से इस युनिट के लिए निधि दिया जाएंगा. लेकिन इस समिति के सदस्य सचिव अभी मेडिकल छूट्टी पर है. जिससे निधि वितरण के लिए 2 हफ्ते का समय बढाकर दिया जाए, ऐसा पक्ष जिलाधीश ने कोर्ट में रखा. जिस पर सचिव की मेडिकल छूट्टी व राज्य मेें जारी राजनीतिक उठापठक की स्थिति को ध्यान में रखकर कोर्ट ने इस मामले में 2 हफ्ते की जगह 4 हफ्ते का समय दे दिया है. वर्तमान राजनीतिक स्थिति के कारण राज्य सरकार को संबंधित निधि वितरण में समय लग सकता है. इसलिए निधि वितरण को अंतिम बार समय बढाकर दिया जा रहा है. इसके बाद समय बढाकर नहीं दिया जाएंगा. यह भी कोर्ट ने स्पष्ट किया.