अमरावती प्रतिनिधि/दि.६- कोविड-१९ महामारी से निपटने के लिए घोषित किए गए लॉकडाउन का सबसे ज्यादा असर वाहन चालक और मालिकों को भुगतना पड रहा है. इसलिए वाहन चालक और मालिकों को राहत दिलाने की मांग को लेकर संघर्ष वाहन चालक मालिक संगठन की ओर से आज जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को निवेदन भेजा है. निवेदन में बताया गया है कि, कोविड-१९ की पृष्ठभूमि पर अंर्तजिला के अलावा अंर्तराज्यीय सफर करने के लिए दी जाने वाली ई-पास वाहन चालक मालिकों को दी जाए. यदि यह संभव नहीं है तो इस पद्धति को बंद किया जाए. निजी वाहन धारकों के लिए ईएमआय भरने की अवधि बढाकर दी जाए. इसके अलावा इस अवधि में कोई भी अतिरिक्त ब्याज नहीं वसूला जाए. राष्ट्रीय के अलावा राज्य महामार्ग पर वाहन गति का बंधन रहने वाले बोर्ड लगाए जाए. इसके अलावा वाहन गति की सीमा का उल्लंघन करने पर किए जाने वाले ई-चालान को रद्द किया जाए. १०० किमी प्रति घंटा गति सीमा तक कोई भी चालान न दिया जाए. जिन वाहन चालकों और परिवार की उपजिविका वाहन चालाकों को मिलने वाली आमदनी पर निर्भर है. उन सभी वाहन चालक मालिकों का पंजीयन असंगठित कामगार के रुप में किया जाए. कामगार कल्याण विभाग की ओर से अन्य कामगारों के लिए चलायी जाने वाली कल्याणकारी योजनाओंं का लाभ निजी वाहन चालक मालिक के अलावा उनके परिवारों को भी दिया जाए. निजी वाहन चालक मालिकों के बच्चों को अन्य कामगारों के पाल्यों की तरह शैक्षणिक शुल्क में सहुलियत व छात्रवृत्ती लागू की जाए. जीवन बीमा सुरक्षा का लाभ दिया जाए. महात्मा फुले जनस्वास्थ्य योजना अंतर्गत बगैर किसी शर्त के स्वास्थ्य सेवा का लाभ दिया जाए. निजी वाहन धारकों से यातायात पुलिस कर्मियों द्वारा विविध कारणों के लिए जो वसूली की जा रही है उस पर रोक लगायी जाए. वर्ष २०२०-२१ आर्थिक वर्ष में आरटीओ टैक्स, इंशुरन्स, लायसंस शुल्क में शत प्रतिशत सहुलियत दी जाए. जनरल इंशुरन्स कंपनी के अलावा निजी फायनंस कंपनी की ओर से होने वाली सख्त वसूली पर रोक लगायी जाए आदि मांगे की गई. निवेदन सौंपते समय अंकुश चांगोले, प्रशांत दांदले,सूरज राउत, राजुभाऊ कडू, दिपक वानखडे, हर्षद इंगोले, प्रशांत दांडगे, नागेश काकडे, बंडू कान्हे, तुषार देशमुख, अमोल इंगले, सुयोग बिजवे, राम यादव, मनोज उमप, मनीष राउत, सागर भुरगाटे, अक्षय कल्हाने, सानू हेमदाजी, बाबासाहेब देशमुख, विक्की बाडांबुचे, सागर देशमुख, आशिष तारेकर, मनोज फुटाने, श्रीकांत श्रीखंडे, मनीष धर्माले, निलेश कांबले, प्रविण रुमणे, मनोज मारोडकर, रवि गिरी, समिश मानेकर, सांरग कोरे, मनोज मनोहरे, चेतन मशराम, मुरली लंवगे आदि मौजूद थे.