अमरावती

जिले में हुई फसल बर्बादी को लेकर प्रशासन की रिर्पोट शुन्य

बेमौसम बारिश की वजह से किसानों का हुआ भारी नुकसान

प्रशासन की अनदेखी से किसान हुए नाराज
अमरावती /दि.30– जिले में विगत कुछ दिनों से जारी अचानक बारिश की वजह से जहां नागरिक भारी परेशान है वही जिले भर के किसानों को अचानक आई बारिश की वजह से भारी नुकसान झेलना पड रहा है. वही पुरे राज्य में प्रशासन की ओर से सौंपी जाने वाली रिर्पोट में किसानों की फसलों का भारी नुकसान बताया जा रहा है. मगर अमरावती जिले के प्रशासन ने नुकसान का आकडा शुन्य बताने से किसानों के बीच काफी नाराजगी फैली हुई है.

पिछले 5-6 दिनों से जारी अचानक बारिश की वजह से जिले के किसानों की फसलों को नुकसान हुआ है. जहां कपास, तुअर, सोयाबीन, चना, गहुं, प्याज,संतरा भाजी-पाला आदि फसलों का बारिश के पानी से काफी नुकसान हुआ है. जहां पुरे राज्य से प्रशासन व्दारा मुंबई स्थित मुख्यमंत्री कार्यालय में भेजी जाने वाली अपनी अलग-अलग रिर्पोटों के जरिए किसानों की फसल बर्बादी का आंकडा भेजा गया है. वही अमरावती जिला प्रशासन व्दारा यह आकडा शुन्य बताने से किसानों में नाराजगी देखी जा रही है. गुरुवार को राज्य सरकार की ओर से प्रकाशित राज्य के अनेक जिलों में फसल बर्बादी की सूची प्रकाशित करने के बाद इसमें अमरावती जिले का नाम न दिखने से जिले के किसानों में प्रशासन के खिलाफ नाराजगी बढ रही है. जहां किसानों का मानना है. इस अचानक आई बारिश में पुरे जिले मे 5-6 दिनों से किसान बारिश का सामना कर रहे है. फसलों की खराब होने से किसानों के सामने दोबारा संकट उत्तपन्न हो चुका है. कर्ज बाजारी कर उगाई फसल बर्बाद होने के कारण किसानों को अब फिर से फसल लगाने के लिए मशक्कत करनी पडेगी. वही अन्नदाता कहे जाने वाले किसानों पर भुखमरी की नौबत आन पडी है. मगर प्रशासन इस ओर कोई ध्यान न देकर खाली कागजी खाना पुर्ती करने में लगा हुआ है. वही प्रशासन की नजर में जिले में किसानों की फसल बर्बादी का आकडा शुन्य बताना यह भी एक तरह से प्रश्न खडा करता है. प्रशासन व्दारा ऐसा क्यों किया जा रहा है..? यह चर्चा जिले के किसानों के बीच चल रही है.

जिले के जनप्रतिनिधि सोये है क्या..?
विगत 5-6 दिनों से जारी अचानक बारिश की वजह से पुरे जिले में किसानों की फसलें बर्बाद हो चुकी है. किसानों के पास कोई रास्ता दिखाई नहीं पडता है. वही राज्य सरकार व्दारा जारी सुची में नुकसान ग्रस्त इलाकों में जिले का नाम न आने तथा जनप्रतिनिधियों व्दारा किसी तरह की कोई दखल न लेने से किसानों में जनप्रतिनिधि सोये है क्या..? ऐसा प्रश्न भी किसानों व्दार उठाया जा रहा है.

राज्य में 393325 हेक्ट. क्षेत्र में नुकसान
राज्य सरकार व्दारा जारी रिर्पोट में थाने, पालघर, रत्नागिरी, सिंधुदुर्ग, नाशिक, धुले, नंदुरबार, जलगांव, अहमदनगर, पुणे, सातारा,छ.सं.नगर, जालना, बीड, हिंगोली, परभणी, नांदेड, बुलढाना, अकोला, वाशिम, यवतमाल, गडचिरोली आदि जिलों में 393325 हेक्ट. क्षेत्र में नुकसान बताया जा रहा है. वही अमरावती जिले के किसानों को नुकसान ग्रस्त जिलों की सुची में जगह ही नहीं मिली है. जिसके कारण जिला प्रशासन के कार्यो पर प्रश्न चिन्ह उठता नजर आ रहा है.

जल्द ले निर्णय..अन्यथा आंदोलन
पिछले दिनों से जारी बारिश के कारण किसानों की फसलों का नुकसान हुआ है. मगर जिला प्रशासन ने यह शुन्य बताया है. राज्य सरकार व्दारा जारी सुची में जिले का नाम ही नहीं है. जिसकी शिकायत हमने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को मेल व्दारा भेजी है. अगर किसानों के हित में जल्द उचित निर्णय नहीं होता तथा व बेमौसम बारिश की वजह से नुकसान हुई फसलों का नुकसान नहीं होता तो लोकविकास संगठन की ओर से उग्र आंदोलन छेडा जाएगा.
गोपाल भालेराव (संस्थापक अध्यक्ष लोकविकास संगठन)

उचित जवाब नहीं
इस विषय में दैनिक अमरावती मंडल व्दारा जिलाधिकारी कार्यालय स्थित नैसर्गिक आपदा शाखा में संबंधित कर्मचारियों से संपर्क करने पर नुकसान नहीं हुआ होगा तो सूची में नाम नही आया. जैसा जवाब प्राप्त हुआ.

Related Articles

Back to top button