* एमबीबीएस प्रवेश के तीसरे राऊंड में होगा अमरावती का नाम
अमरावती/दि. 1 – शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय में इसी वर्ष से एमबीबीएस की पढाई प्रारंभ होने की आशा फलीभूत हुई है. राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग एनएमसी ने अमरावती सहित प्रदेश की 8 नई जीएमसी को मान्यता देकर प्रथम वर्ष के प्रवेश की अनुमति दी है. इस सुखद समाचार से अमरावतीवासी हर्षित हो गए हैं. अब यहां के मेधावी विद्यार्थियों को चिकित्सा क्षेत्र की पढाई के लिए अन्यत्र नहीं जाना पडेगा. अपनी मेधा, मेरिट के बूते वे शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय में प्रवेश ले सकेंगे. हालांकि, नियमानुसार स्पर्धा राष्ट्रीय स्तर पर होगी. फिर भी शासकीय फीस में एमबीबीएस की पढाई यहां संभव हुई है. जिसका आम तौर पर अमरावती के लोग स्वागत कर रहे हैं. उल्लेखनीय है कि, अमरावती के साथ ही प्रदेश की वाशिम, भंडारा और अन्य तीन जीएमसी को एनएमसी ने प्रवेश की अनुमति दी है.
* क्या कहा डीन ने
जीएमसी के अधिष्ठाता डॉ. किशोर इंगोले ने अमरावती मंडल से बातचीत में दावा किया कि, एमबीबीएस दाखिले के तीसरे दौर में अमरावती जीएमसी का पर्याय दिखाई देगा. यह प्रवेश आगामी 10 अक्तूबर से प्रारंभ होने की जानकारी भी उन्होंने दी. उन्होंने बताया कि, एमबीबीएस प्रवेश के एक राऊंड हो चुका है, दूसरा राऊंड चल रहा है.
* दो क्लासेस तैयार
डॉ. इंगोले ने बताया कि, पहले वर्ष के पाठ्यक्रम में तीन विषय होते है. फिजियोलॉजी, बायो केमेस्ट्री और एक अन्य. उन्होंने बताया कि, टीचिंग स्टाफ के 9 लोग आ गए है. उसी प्रकार नीट में प्राप्त अंको का कटऑफ राष्ट्रीय स्तर पर होगा. दो क्लासेस 10 अक्तूबर तक तैयार हो जाने का दावा डीन डॉ. इंगोले ने किया. लायब्रेरी और प्रैक्टिकल के लिए भी कक्ष और साजो सामान, उपकरण आदि तैयार रहने की बात उन्होंने कही.
* डफरीन परिसर में होगी पढाई
जिला स्त्री अस्पताल (डफरीन) परिसर की इमारत में शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय शिफ्ट हो जाने की जानकारी देते हुए वहीं डीन का भी कक्ष कार्यरत हो जाने की जानकारी सूत्रों ने दी. उधर अधिष्ठाता डॉ. इंगोले ने बताया कि, आगामी 1 नवंबर से अर्थात दिवाली पश्चात क्लासेस शुरु होंगे. 15 दिन विद्यार्थियों को फाऊंडेशन ट्रेनिंग रहती है. 15 नवंबर से प्रत्यक्ष डॉक्टरी की पढाई शुरु होने की जानकारी डॉ. किशोर इंगोले ने दी. उन्होंने बताया कि, मापदंडो के अनुसार एक कक्षा में अधिकतम 60 विद्यार्थी होते हैं. हमारे यहां इतनी क्षमता के लेक्चर रुम तैयार रहने की बात उन्होंने कही.
* होस्टल तैयार, स्टाफ भी रेडी
डीन डॉ. किशोर इंगोले ने बताया कि, डफरीन परिसर में ही छात्राओं के लिए 75 की क्षमता का होस्टल बनकर तैयार है. प्रत्येक कमरे में तीन-तीन छात्राएं रहने की क्षमता है. सभी अच्छी सुविधा नए बने भवन में दी गई है. उसी प्रकार छात्रों का होस्टल फिलहाल किराए की इमारत में गाडगे बाबा की समाधि के पास गली में रहेगा. इस इमारत में 30 कमरे है. यह जगह जीएमसी से अधिक दूरी पर नहीं होने का दावा उन्होंने किया. लुल्ला से इस बारे में तत्कालीन डीन डॉ. बत्रा के हस्ते अनुबंध हो जाने की जानकारी उन्होंने दी. उन्होंने बताया कि, पहले वर्ष में केवल तीन विषय अॅनॉटॉमी, बायोकेमेस्ट्री और फिजिओथेरपी की शिक्षा होती है. इसे लिए मापदंडो के अनुसार एक प्रोफेसर, दो सहायक प्रोफेसर, चार ट्युटर आदि चाहिए. उतना स्टाफ यहां उपलब्ध हो गया है. उन्होंने दावा किया कि, पासपडोस के जिलो अकोला, यवतमाल, नागपुर से यहां अमरावती आकर सेवा के लिए कई लोग तैयार है और उन्हीं लोगों ने यहां जिम्मेदारी कबूल भी कर ली है.
* एमबीबीएस से करवाएंगे टीचिंग
डॉ. किशोर इंगोले ने बताया कि, मापदंडो के अनुसार चार ट्युटर चाहिए. यहां एमबीबीएस का अभ्यासक्रम पूर्ण कर चुके और पढाने में रुचि रखनेवाले व्यक्तियों से विद्यार्थियों को टीचिंग दी जाएगी. उन्होंने यह भी बताया कि, दाखिले के लिए बडी संख्या में अभिभावक भी आ सकते हैं. यह सोचकर डफरीन परिसर में प्रशासकीय इमारत के पास अन्य भवन में व्यवस्था कर ली गई है.
* क्या-क्या हो गया तैयार
आज ही अपने नए केबिन में मेज की पूजा आदि कर शिफ्ट हुए डीन डॉ. इंगोले ने बताया कि, मेडीकल कॉलेज की प्रशासकीय इमारत, चार प्रैक्टिकल हॉल, दो लेक्चर हॉल और दोनों होस्टल तैयार है. सभागार की क्षमता 70-70 विद्यार्थी है. जबकि दो से तीन बैच 100 विद्यार्थियों की रहेगी. आनेवाले दिनों में सभी फिल्ड की क्षमता निश्चित ही बढाई जाएगी.
* लायब्ररी तैयार, ढाई हजार पुस्तकें
डीन डॉ. इंगोले ने बताया कि, शुल्क ढांचा शासकीय निर्णयानुसार और नाशिक स्थित स्वास्थ विज्ञान विद्यापीठ द्वारा तय मानकों के अनुसार रहेगा. अमरावती में जीएमसी के लिए आवश्यक वाचनालय तैयार है. राज्य शासन ने ढाई हजार पुस्तकें भेजी है. उसी प्रकार ऑनलाइन रुप से भी पुस्तके उपलब्ध रहती है. उन्होंने दावा किया कि, शासन के प्रयासों से ही गरीब, होनहार 800 विद्यार्थियों के लिए इसी वर्ष अत्यल्प शुल्क में मेडीकल की शिक्षा संभव हो सकी है. इसके लिए अधिकारी वर्ग ने भी भरपूर प्रयत्न किए हैं.