‘अडानी’ समर्थक केंद्र सरकार का किया निषेध
कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया का राजकमल चौक पर प्रदर्शन
अमरावती/ दि. 14-भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार जनविरोधी सरकार है. हिंडेनबर्ग रिपोर्ट से सरकार का काला चिट्ठा बाहर आया है. भारतीय जीवन बीमा व भारतीय स्टेट बैंक जेसी सावर्जनिक क्षेत्र की जनता द्बारा निवेश किए पैसे 37 हजार करोड रूपए अडानी समूह में निवेश कर सीधे-सीधे जनता को लूटा है. इस बात का खुलासा होने के बाद भी केंद्र सरकार इसके खिलाफ बोलने तैयार नहीं है. हिंडेनबर्ग रिपोर्ट के आधार पर अडानी कार्पोरेट सेक्टर में हुए महाघोटाले की संयुक्त संसदीय जांच समिति द्बारा उचित जांच व दोषियों के खिलाफ उचित कार्रवाई करने की मांग को लेकर सोमवार को कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया द्बारा राजकमल चौक पर प्रदर्शन किया गया.
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के साथ दाहिनी आघाडी के विविध राजनीतिक दलों का इसमें समावेश रहा. उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार द्बारा पेश बजट यह उद्यमियों की जेब भरने तथा सामान्य जनता की जेब खाली करनेवाला रहा है. केंद्र सरकार ने जनकल्याणकारी योजनाओं की सब्सिडी भी कर दी है. मनरेगा में 29 हजार करोड की कटौती की है. जिसके कारण मेहनत मजदूरी करनेवालों की सरकार ने कमर तोडी है खेती व कृषि क्षेत्र को कोई राहत नहीं दी है. रासायनिक खाद पर दी जानेवाली 25 हजार करोड की सब्सिडी रद्द की है. इसके माध्यम से किसानों के खिलाफ वाली केंद्र सरकार का असली चेहरा जनता के सामने आने लगा है. नेशनल मॉनिटाइजेशन पाइपलाइन के माध्यम से अडानी अंबानी के देश बेचने की तैयारी भाजपा सरकार ने की है. शिक्षा क्षेत्र को निजी लोगों के हाथों में सौंपने की तैयारी जारी है. बेरोजगारी पर सरकारी चुप्पी साधे है. प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार जाति- धर्म के नाम पर जनता में द्बेषभाव निर्माण करने का प्रयास करते हुए जनता की मूल समस्याओं को अनदेखी कर रहे है. केंद्र सरकार की इस नीति का विरोध करते हुए जनविरोधी सरकार का देशव्यापी स्तर पर विरोध किया गया. अडानी समूह के महाघोटाले व जनविरोधी अर्थसंकल्प का विरोध करते हुए नारेबाजी करते समय भाकप के राष्ट्रीय कौंसिल सदस्य तुकाराम भस्मे, जिला सचिव सुनील मेटकर, अशोक सोनारकर, सागर दुर्योधन, जे. एम. कोठारी, नीलकंठ ढोके, प्रा. ओमप्रकाश कुटेमाटे, माक्सर्वादी कम्युनिस्ट पार्टी के उदयन शर्मा, सुभाष पांडे, रमेश सोनुले, भाकप विनोद जोशी, शेखर बद्रे, सतीश चौधरी, उमेश बनसोड, नारायण भगवे, ओमप्रकाश सावले, कैलाश ठाकरे, सुनील घटाले, राजेंद्र भांबोरे, अंकुश वाघ, सुनील देशमुख, शरद मंगले, इस्त्राइल शह, प्रा. विजय रोडगे, अशोक शिरसाट, प्रफुल्ल देशमुख, वनिता कडू, नलिनी इंगोले, सुषमा धवणे, ज्योति मरसकोल्हे, चैतन्य कलाणे, गजानन दरेकर, प्रफुल्ल निकालजे समेत बडी संख्या में कार्यकर्ता उपस्थित थे.