अमरावती

फुले दम्पत्ति के आदर्शों को अंगीकार करने से होगी समूचे समाज की प्रगति

महिला व बालविकास मंत्री यशोमति ठाकुर का प्रतिपादन

  • शासकीय कनिष्ठ बालगृह में मनी क्रांतिज्योति सावित्रीबाई फुले की जयंति

अमरावती प्रतिनिधि/दि.४ – यदि प्रत्येक महिला व पुरूष द्वारा क्रांतिज्योति सावित्रीबाई फुले एवं महात्मा ज्योतिबा फुले के आदर्शों को अंगीकार किया जाता है, तो निश्चित तौर पर हर एक घर परिवार सहित देश व समाज की प्रगती हो सकती है. इस आशय का प्रतिपादन राज्य की महिला व बालविकास मंत्री तथा जिला पालकमंत्री एड. यशोमति ठाकुर द्वारा किया गया.
महिला व बालविकास विभाग तथा आर. सी. जे. जे. के संयुक्त तत्वावधान में देशपांडेवाडी स्थित शासकीय कनिष्ठ बालगृह में क्रांतिज्योति सावित्रीबाई फुले की 189 वीं जयंति उपलक्ष्य में सावित्री उत्सव व सम्मान समारोह का आयोजन किया गया था. इस अवसर पर पालकमंत्री यशोमति ठाकुर अपने विचार व्यक्त कर रही थी. इस कार्यक्रम में बालकल्याण समिती की अध्यक्षा वंदना चौधरी, बाल न्याय मंडल के माधव दंडाले, विभागीय उपायुक्त अर्चना इंगोले सहित आर. सी. जे. जे. के पदाधिकारी उपस्थित थे. कार्यक्रम में सर्वप्रथम सभी गणमान्यों के हाथों क्रांतिज्योति सावित्रीबाई फुले की प्रतिमा का पूजन कर दीप प्रज्वलन किया गया. इस समय अपने संबोधन में पालकमंत्री यशोमति ठाकुर ने कहा कि, सावित्रीमाई व ज्योतिबा फुले द्वारा किये गये कार्यों की वजह से ही आज महिलाएं जीवन के विविध क्षेत्रों में पुरूषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम कर रही है. ऐसे में यदि हर महिला व पुरूष सावित्रीमाई व ज्योतिबा के आदर्शों को अंगीकार करे, तो पूरा समाज प्रगति कर सकता है. इस समय उन्होंने महिलाओें की उन्नति सहित शिक्षा, स्वास्थ्य, आर्थिक स्वावलंबन एवं सक्षमीकरण हेतु महिला व बालविकास कल्याण विभाग द्वारा राज्य में चलायी जा रही विभिन्न योजनाओं की जानकारी देते हुए कहा कि, आगामी समय में जिला नियोजन से प्राप्त निधी में से तीन प्रतिशत निधी महिला व बालविकास के कार्यों हेतु खर्च की जायेगी. साथ ही बहुत जल्द संभागीय स्तर पर महिला आयोग का कार्यालय भी शुरू करने की सिफारिश की गई है.
इस कार्यक्रम में कोरोना काल के दौरान अपने प्राणों की परवाह किये बिना दिन-रात काम करनेवाली अंगणवाडी सेविकाओें को सावित्री स्वरूप मानते हुए उन्हें पालकमंत्री यशोमति ठाकुर के हाथों स्मृतिचिन्ह देकर सम्मानित किया गया. साथ ही ‘मेरी कन्या भाग्यश्री’ योजना अंतर्गत संबंधित परिवारों को स्मृतिचिन्ह देकर सम्मानित किया गया. इसके अलावा महिला व बालविकास विभाग के अमरावती संभागीय कार्यालय अंतर्गत परवरीश व संरक्षण रहनेवाले पांच बच्चों को अनाथ प्रमाणपत्र प्रदान किया गया, एवं इस बाल सुधार गृह में रहते हुए व्यवसायिक प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद समाज में पुनर्वसित हुए पांच बच्चों को भी स्मृतिचिन्ह देकर सम्मानित किया गया.

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