अमरावती

कोरोना काल में सामने आया ‘दत्तक व्यवसाय’!

आपदा में खोजा गया ऐसा भी अवसर

  •  दत्तक के नाम पर अनाथ बच्चों की बिक्री होने का अंदेशा

  •  महिला व बाल विकास विभाग ने लिया मामले को गंभीरता से

अमरावती/प्रतिनिधि दि.४ – जारी कोरोना काल में कई बच्चों ने अपने माता-पिता को इस संक्रामक महामारी के दौरान खो दिया है. साथ ही ऐसे बच्चों का पालकत्व उनके रिश्तेदारों द्वारा भी स्वीकार नहीं किया गया. ऐसे में कुछ समाज कंटकों द्वारा इस तरह के बच्चों की मजबूरी का फायदा उठाते हुए उनकी खरीद फरोप किए जाने की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता. ऐसे में राज्य का महिला व बाल विकास विभाग ऐसी घटनाओे को लेकर बेहद गंभीरता के साथ कदम उठा रहा है. साथ ही कहा गया है कि गैर कानूनी तरीके से छोटे बच्चों को दत्तक लेना एक तरह से अपराध है और ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त व कडी कार्रवाई की जायेगी.
उल्लेखनीय है कि इन दिनों विभिन्न तरह के सोशल मीडिया साईड पर कई लोगों द्वारा भावनात्मक पोस्ट डालते हुए कुछ अनाथ बच्चों को दत्तक देने हेतु उपलब्ध बताया जा रहा है. किंतु हकीकत यह है कि इस तरह से बच्चों का दत्तक विधान नहीं होता, बल्कि इसका कानूनी तरीका होता है और यदि इस तरीके का पालन नहीं किया जाता तो ऐसे गैरे कानूनी दत्तक प्रक्रिया को बच्चों की खरीदी बिक्री माना जा सकता है एवं ऐसा करनेवाले लोगों के खिलाफ कडी कानूनी कार्रवाई की जा सकती है. उक्त आशय की जानकारी देते हुए महिला व बाल विकास विभाग द्वारा कहा गया है कि यही राज्य में कहीं पर भी कोविड संक्रमण की वजह से अनाथ हुए बच्चे पाए जाते है तो उनकी जानकारी चाईल्ड हेल्पलाईन क्रमांक-१०९८ तथा सारा (स्टेट अडॉप्शन रिसोर्स एजेंसी) के हेल्प लाईन क्रमांक ८३२९०४१५३१ पर संपर्क किया जा सकता है. साथ ही प्रत्येक जिले के जिला महिला व बाल विकास अधिकारी कार्यालय, जिला बाल संरक्षण कक्ष, बाल कल्याण समिति तथा पुलिस महकमे से संपर्क करते हुए ऐसे बच्चों की जानकारी दी जानी चाहिए. जिसके बाद सरकार द्वारा ऐसे बच्चों की देखरेख और पालन पोषण किया जायेगा. साथ ही सेंट्रल अडॉप्शन रिसोर्स अ‍ॅथॉरिटी (कारा)की वेबसाईट पर ऐसे बच्चों को दत्तक लेने हेतु पूरी प्रक्रिया की जानकारी दी गई है. जिसके जरिए बच्चों को दत्तक लेने के इच्छुक दंपत्तियों द्वारा आवेदन किया जा सकता है.

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