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जांच ने पकडी रफ्तार
अमरावती/दि.25 – महानगरपालिका के सहायक संचालक नगर रचना (एडीटीपी) के फर्जी हस्ताक्षरों व जाली मुहरों का प्रयोग करते हुए दस्तपंजीयन कराये जाने के दो मामलोें में अपराध दर्ज किये जाने के बाद अब इन मामलों की जांच को गति दी गई है. साथ ही आर्थिक अपराध शाखा ने अब मनपा के सहायक संचालक, नगर रचना विभाग से आवश्यक जानकारी मांगी है और खुद एडीटीपी आशिष उईके को जांच व पूछताछ के लिए प्रत्यक्ष उपस्थित रहने का संदेश दिया गया है.
आरोप के मुताबिक मनपा के नगर रचना विभाग के सहायक संचालक के हस्ताक्षर व मुहर का प्रयोग करते हुए फर्जी तरीके से भोगवटदार प्रमाणपत्र बनाया गया और इन्हें असली दर्शाते हुए दो संपत्तियोें की खरीदी-बिक्री का व्यवहार किया गया. साथ ही दुय्यम उपनिबंधक के पास अधिकृत दस्त पंजीयन किया गया. इस जरिये सरकार के साथ जालसाजी होने की बात ध्यान में आते ही इसे लेकर शिकायत दर्ज करायी गई और मामले की जांच आर्थिक अपराध शाखा के पास सौंपी गई. जिसके पश्चात अब एडीटीपी के हस्ताक्षर के सैम्पल लेकर उन्हें जांच हेतु भेजा जायेगा.
पहला मामला
मनपा के सहायक संचालक, नगर रचना के फर्जी हस्ताक्षर व मुहर का प्रयोग करते हुए दस्तपंजीयन करानेवाले पांच लोगों के खिलाफ गाडगेनगर पुलिस थाने में शिकायत दर्ज की गई थी. इस बारे में दुय्यम निबंधक कार्यालय के श्रीकांत पावडे द्वारा शिकायत दर्ज कराते हुए कहा गया कि, रहाटगांव स्थित एक इमारत की पहली मंजील पर स्थित दुकान के पार्ट ऑक्युपेन्सी सर्टीफिकेट यानी भोगवटा प्रमाणपत्र पर एडीटीपी के फर्जी हस्ताक्षर व मुहर लगाते हुए आरोपियों ने इस संपत्ति की खरीदी-बिक्री के व्यवहार का दस्तपंजीयन किया और सरकारी राजस्व को डूबाया.
दूसरा मामला
एडीटीपी के फर्जी हस्ताक्षर व मुहर रहनेवाले पीआर कार्ड को जोडकर 17 जून 2021 को दुय्यम निबंधक कार्यालय में दस्त पंजीयन किया गया. इस मामले को लेकर सहायक दुय्यम निबंधक श्रीकांत कावले की शिकायत पर गाडगेनगर पुलिस ने सतीश अडगुलवार (मुदलीयार नगर) व योगीराज वेलूकर सहित राजापेठ परिसर निवासी एक महिला ऐसे कुल तीन लोगों के खिलाफ विगत 16 फरवरी को अपराध दर्ज किया. इस शिकायत में आरोप लगाया गया कि, इन तीनों ने सरकार के साथ जालसाजी की है. इस मामले की जांच भी आर्थिक अपराध शाखा को हस्तांतरित की गई है.