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अद्धैत जवने ने की थी चंद्रयान की फाइनल टेस्टिंग

नागपुर का युवा इसरो टीम का सदस्य, बढाया विदर्भ का नाम

* अनेक माह रात-दिन कार्य
अमरावती/दि.26- चंद्रयान-3 की सफलता से देश का बच्चा-बच्चा गदगद हैं. बच्चों को वैज्ञानिकों से नई प्रेरणा तथा स्फूर्ति प्राप्त हुई है. अनेक युवाओं का भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन इसरो ने चंद्रयान-3 के अभियान दल में समावेश किया था. उनमें नागपुर का अद्धैत जवने भी रहा. जवने ने फोन पर हुई बातचीत में बताया कि, देशवासियों की तरह इसरो के वैज्ञानिकों की सांसे भी अंतिम क्षणों में मानो रुक गई थी. यान के सफलतापूर्वक लैंड होने पर ही सभी खुश हुए. मारे खुशी के आंसू छलक आए थे. बता दें कि जवने अंतिम दौर में चंद्रयान अभियान से जुडे और उनके पास फाइनल टेस्टिंग जैसा महत्वपूर्ण जिम्मा था.
* स्पेस सायंस इंस्टिट्यूट में पढाई
अद्धैत जवने नागपुर निवासी हैं. उन्होंने कक्षा 12वीं तक पढाई नागपुर में की. उपरांत वे तिरुअनंतपुरम के स्पेस सायंस इंस्टिट्यूट में पढने चले गए. वहां से शिक्षा ग्रहण पश्चात पिछले साल नवंबर में से इसरो के दल से जुडे. तब तक चंद्रयान-3 का अधिकतम कार्य हो गया था.
* रोल छोटा, अभिमान बडा
जवने ने बताया कि उन्हें अभियान के फाइनल दौर में इस टीम से जुडने का अवसर मिला. फिर भी रोल भले ही छोटा रहा, किंतु अभियान से जुडना बडे अभिमान की बात वे मानते हैं. अद्धैत ने बताया कि इसरो के अध्यक्ष सोमनाथ से लेकर सभी बडे शास्त्रज्ञों ने पूरे लगन से कार्य किया. अनेक माह तक रात-दिन काम चलता रहा. सभी ने अपने आप को इस महत्वपूर्ण अभियान के लिए मनो समर्पित कर दिया था.
* फूल प्रूफ टेस्ट
अद्धैत ने बताया कि यान का धरती पर परीक्षण चुनौतीपूर्ण रहा. फूल प्रूफ काम करना था. क्योंकि एक बार यान के छोडे जाने के बाद उसमें कोई सुधार नहीं किया जा सकता था. इसलिए टेस्टिंग के अनेक दल थे. ऐसे ही एक दल के सदस्य के रुप मे अद्धैत और उनके साथियों ने अपनी भूमिका निष्ठापूर्वक तथा लगन से निभाई.
* युवाओं को अवसर
अद्धैत बताते हैं कि इसरो से जुडने का अवसर युवा वैज्ञानिकों को उपलब्ध है. अपने आप को साबित करने पर इसरो तुरंत मौका देता है. इसरो के आगे अनेक बडे प्रोजेक्ट आ रहे हैं. उसने सूरज के लिए भी एक बडा अभियान रखा है. गगनयान प्रकल्प शीघ्र घोषित होगा. जनवरी में गगनयान की तिथि आ सकती है.
* सौभाग्य की बात
अद्धैत ने कहा कि 23 अगस्त का वह समय ऐतिहासिक क्षण था. वैज्ञानिकों के जीवन में ऐसे क्षण कभी कभार आते हैं. इस अभियान का भले ही छोटा किंतु एक हिस्सा रहने का मेरा बहुत बडा सौभाग्य है. जवने ने कहा कि चंद्रयान के उडान भरने के पश्चात सफलता का विश्वास था. मगर पखवाडा भर उसका थोडा टेंशन चल रहा था. जो उसके पूर्ण होने पर ही खत्म हुआ. खुशी के इस दौर को सभी ने अनुभव किया है. अभी आगे की चुनौतियों के लिए हम आत्मविश्वास से बढेंगे.

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