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10 दिन बाद हुए सूर्यदेवता के दर्शन

आज सुबह से मौसम खुला रहने से नागरिकों को राहत

* खेतो में किसान जुटे काम में, बाजारो में दिखी रौनक
अमरावती/दि.30 – पिछले 10 दिनों से अमरावती शहर सहित संपूर्ण जिले में लगातार बारिश शुरु रहने से जनजीवन अस्तव्यस्त हो गया था. बारिश के कारण किसान अपने खेतो में काम भी नहीं कर पा रहे थे. लेकिन 10 दिन बाद आज मंगलवार 30 जुलाई को सुबह से मौसम साफ रहने और सूर्यदेवता के दर्शन होने से नागरिकों सहित किसानों ने राहत की सांस ली है. किसान आज सुबह से अपने खेतो में काम करते दिखाई दिए. वहीं बाजारो में भी चहल-पहल दिखाई दी.
लगातार बारिश होने के कारण जिले का जनजीवन अस्तव्यस्त हो गया था. नदी-नाले भी उफान पर थे. यह बारिश खरीफ के लिए फायदेमंद बताई गई. लेकिन पिछले 10 दिनों से लगातार बारिश के कारण किसान सहित आम नागरिक परेशान हो गए थे. फसलों पर फवारणी और उसकी ग्रोथ के लिए अब मौसम साफ और धूप की आवश्यकता रहने के कारण किसान बारिश रुकने के इंतजार में थे. मौसम विभाग ने भी 30 जुलाई तक बारिश होने के बाद 3 दिनो तक मौसम साफ रहने और धूप निकलने की संभावना व्यक्त की थी. इसके मुताबिक आज मंगलवार 30 जुलाई को सुबह से मौसम साफ दिखाई दिया और 10 दिनों बाद अमरावती शहर सहित जिले के नागरिकों को सूर्यदेवता के दर्शन हुए. इस कारण किसान भी मजदूरों के साथ सुबह से अपने खेतो में काम में जुट गए. नागरिकों ने भी बारिश रुकने के कारण राहत की सांस ली. सुबह से ही मुख्य मार्गो पर चहल-पहल दिखाई दी. साथ ही बाजारो में भी भीड दिखाई दी.


* निम्न वर्धा के 5 गेट खोले
अमरावती-वर्धा जिले की सीमा पर स्थित बगाजी सागर (निम्न वर्धा) बांध में लगातार पानी की आवक जारी रहने से सोमवार 29 जुलाई की रात 11 बजे से 5 दरवाजे 50 सेंटीमीटर तक खोलकर 209.17 घनमीटर प्रति सेकंड की रफ्तार से वर्धा नदी में पानी छोडा जा रहा है. इस बांध में पानी की आवक लगातार जारी है. आज मंगलवार को सुबह से बारिश रुकने के बावजूद बांध के 5 दरवाजे दोपहर 12 बजे भी खुले रख पानी वर्धा नदी में छोडा जा रहा था. इसी तरह पूर्णा प्रकल्प से भी पूर्णा नदी में पानी छोडे जाने का सिलसिला जारी है. जिले के सबसे बडे मोर्शी के अप्पर वर्धा प्रकल्प का जलस्तर 69.16 प्रतिशत हो गया है. इस बांध की जलसंग्रहन की क्षमता 504.30 मिमी है. अब तक इसमें 390.08 मिमी जल संग्रहित हो गया है. अब तक इस मानसून में अप्पर वर्धा बांध के गेट नहीं खोले गए है.

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