अमरावती

विवाह के 16 वर्ष बाद लक्ष्मी ने की कक्षा 12 वीं की परीक्षा उत्तीर्ण

विवाह की वजह से बीच में ही छूट गई थी पढाई

* पढाई पूरी करने हेतु परिजनों से भी मिला पूरा सहयोग
अमरावती/दि.14- कहा जाता है कि, पढने-लिखने की कोई निश्चित उम्र नहीं होती और हर व्यक्ति अपने अंतिम सांस तक विद्यार्थी ही रहता है, क्योंकि हम हमेशा कुछ न कुछ नया सीख सकते है. इन्हीं विचारों पर चलते हुए कई लोगों ने खुद को ताजिंदगी विद्यार्थी बनाये रखते हुए बढती उम्र में भी कई पदवियां हासिल की है. ऐसा ही एक मामला दर्यापुर तहसील के टोंगलाबाद में भी सामने आया. जहां पर विवाह की वजह से बीच में ही अधूरी छूट गई पढाई को पूरा करने का संकल्प लेकर लक्ष्मी बिजावडे नामक महिला ने विवाह के 16 वर्ष पश्चात घर-परिवार की जिम्मेदारियों को संभालते हुए कक्षा 12 वीं की परीक्षा दी और प्रथम श्रेणी में यह परीक्षा भी उत्तीर्ण की.
दर्यापुर तहसील के टोंगलाबाद में रहनेवाली लक्ष्मी बिजावडे (कट्यारमल) का 16 वर्ष पहले जब विवाह हुआ था, तब उनकी पढाई-लिखाई बीच में ही छूट गई थी और उन्हें कक्षा 12 वीं की परीक्षा नहीं दे पाने का हमेशा ही दु:ख रहा करता था. ऐसे में उन्होंने विवाह के उपरांत कक्षा 12 वीं की परीक्षा देने और अपनी पढाई पूरी करने का संकल्प लिया. लेकिन विवाह के उपरांत घर परिवार की जरूरतें भी पूरी करनी थी और अपने बच्चों की परवरीश भी करनी थी. ऐसे में दिन-रात अपने संकल्प के साथ जीनेवाली लक्ष्मी बिजागडे ने 16 वर्ष के बाद दर्यापुर के प्रबोधन विद्यालय की एमसीवीसी शाखा में प्रवेश लिया और बडी मेहनत व लगन के साथ पढाई करते हुए 65 फीसद अंकों यानी प्रथम श्रेणी के साथ कक्षा 12 वीं की परीक्षा उत्तीर्ण की. जिसके लिए उनका टोेंगलाबाद सहित समूचे दर्यापुर क्षेत्र में अभिनंदन हो रहा है.
यहां यह विशेष उल्लेखनीय है कि, लक्ष्मी बिजागडे का 15 वर्षीय बेटा इस वर्ष कक्षा 9 वीं में पढ रहा है. जिसे अगले वर्ष कक्षा 10 वीं की बोर्ड परीक्षा देनी है. ऐसे में उसके लिए खुद उसकी अपनी मां लक्ष्मी बिजागडे एक आदर्श के रूप में उपस्थित है. वहीं लक्ष्मी बिजागडे के पति सामाजिक कार्यकर्ता है और गांव में किराणा दुकान चलाते है. इसके अलावा लक्ष्मी बिजागडे खुद दर्यापुर पंचायत सामिती अंतर्गत गांव में बचत गट और जीजाऊ प्रतिष्ठान का कार्य करती है.
अपनी सफलता से उत्साहित लक्ष्मी बिजागडे का कहना है कि, विवाह के बाद वे कोई नौकरी करना चाहती थी, लेकिन चूंकि उनकी पढाई बीच में ही छूट गई थी. ऐसे में शैक्षणिक पात्रता नहीं रहने के चलते वे कोई नौकरी हासिल नहीें कर पायी. जिसकी वजह से उन्होंने दुबारा अपनी पढाई पूरी करने का संकल्प लिया था. जिसे पूरा करने में अब वे सफल हुई है.
लक्ष्मी बिजागडे की इस सफलता के लिए टोंगलाबाद की सरपंच वैशाली पानझडे, सामाजिक कार्यकर्ता धनंजय देशमुख, केशव बिजावडे व नमन पानझडे आदि सहित समस्त टोंगलाबाद वासियों ने उनका अभिनंदन किया है.

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