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आखिर कैसे पूरा होगा ‘अबकी बार…’ का नारा

नामांकन वापसी के अंतिम दिन तक डटे रहे मुस्लिम उम्मीदवार

* हर एक की राह नही आसान,
* समाज हित व विकास को देख सुलताना परवीन ने लिया नाम वापस
अमरावती/दि.5- लोकसभा चुनाव के खत्म होते ही अबकी बार मुस्लिम आमदार का नारा बुलंद किया गया था. जिसके चलते अनेक चर्चित नाम जो मुस्लिम समाज से वास्ता रखते है वे उम्मीदवारी के लिए अपना नाम सामने रखे हुए थे. मगर कांग्रेस या महाविकास पार्टी की घटक किसी भी पार्टी से टिकट न मिल पाने की वजह से यह नारा थोडा धीमा होता नजर आ रहा है. फिर भी लोकसभा चुनाव के बाद विधानसभा की उम्मीदवारी की चाह रखने वाले मुस्लिम समाज के 8 लोगों ने विभिन्न राजनीतिक पार्टी व निर्दलीय प्रत्याशी के रुप में अपना नामांकन वापस न लेते हुए अभी भी चुनावी मैदान में डटे हुए है. वही इन 8 उम्मीदवारों में से एक उम्मीदवार सुलताना परवीन मो. जाकीर ने अपना नामांकन निर्दलीय के रुप में भरा था. नामांकन वापसी के अंतिम दिन में उन्होंने समाज हित व विकास के मुद्दे को सामने रखते हुए अपना नामांकन मविआ प्रत्याशी के समर्थन में वापस ले लिया है. वही अभी भी 7 उम्मीदवार पूरी ताकत से चुनावी मैदान में डटे हुए है. लेकिन अब इन प्रत्याशियों के सामने चुनावी मैदान में जीत हासील करने की राह आसान नहीं दिखाई दे रही है.
देखा जाए तो मुुस्लिम बहुल इलाके में कभी भी कोई एक विशेष नाम ुचर्चा में नहीं रहता है. जिस कारण जिसकी जितनी भागीदारी….. की बात करें तो मुस्लिम बहुल इलाके में उसका अनुमान लगाना एक तरह से मुश्किल हो सकता है. लेकिन लोकसभा चुनाव में मुस्लिम बहुल क्षेत्र में मतदाताओं ने हमारी इनती भागीदारी…. को स्पष्ट करने से पहली बार मुस्लिम बहुल क्षेत्र में एक ही पार्टी और एक ही उम्मीदवार का नाम अंत तक गूंजता रहता है. इस कारण विधानसभा चुनाव में भी इस तत्व का पालन कर मुस्लिम बहुल क्षेत्र से समर्थन मिलने की अपेक्षा मविआ के प्रत्याशी को थी. किंतु इस बार उनको निराशा के अलावा कुछ नहीं मिलता दिखाई दे रहा.
राजनीतिक पार्टी से 3 व अन्य निर्दलीय
मुस्लिम बहुल क्षेत्र के कई लोग विविध राजनीतिक दलों से उम्मीदवारी प्राप्त कर चुके है.7 मुस्लिम उम्मीदवार मैदान में डटे हुए हैं. इसमें राजनीतिक पार्टी के 3 व अन्य 4 निर्दलीय के रुप में खडे हुए हैं. मैदान में रहने वाले उम्मीदवारों में प्रहार जनशक्ति पार्टी के डॉ. सै. अबरार सै. मजीद, आजाद सामाज पार्टी व भीम आर्मी से मो. अलीम पटेल तथा रिपाई (आंबेडकर गट ) से मेराजुन्निसा अब्दुल शकील का समावेश है. इसके अलावा मुस्लिम लीग समर्थित हाजी इरफान खान उस्मान खान नेशनल भी हैं. जिन्होने निर्दलीय के रुप में अपना नामांकन भरा है. मगर उन्हें मुस्लिम लीग अपना उम्मीदवार घोषित कर चुकी है. वही निर्दलीय के रुप में सुलताना परवीन मो. जाकीर, शेख युसुफ, मो. निसार मो. युसुफ, शेख रहतम शेख इनायत का नाम निर्दलीय उम्मीदवार के रुप में सामने आया था. किंतु इसमें से सुलताना परवीन ने समाज हित व विकास के मुद्दे को सामने रखते हुए मविआ के उम्मीदवार के समर्थन में अपना नामांकन वापस ले लिया. जिसके बाद अब मुस्लिम उम्मीदवार के रुप में 7 नाम सामने है और 7 उम्मीदवार मैदान में डटे हुए है.
वोटों का विभाजन निश्चित
जिन मतदाताओं की बदौलत लोकसभा चुनाव में महाविकास आघाडी को जीत हासिल हुई थी. अब वही मतदाता इन 7 मुस्लिम उम्मीदवारों के साथ अमरावती निर्वाचन क्षेत्र में रहे 4 प्रमुख पार्टियों के उम्मीदवारों में भी विभाजीत होंगे. ऐसे में इन मतदाताओं का किसे लाभ मिलेगा और जीत का सेहरा किसके सिर पर सजेगा. यह 23 नवंबर को पता चलेंगा. लेकिन इन उम्मीदवारों के खडे रहने और एक दूसरे को समाज हित में समर्थन न देने के चलते समाज के वोटों का बंटवारा निश्चित तौर पर दिखाई दे रहा है.
इन्हें मिले चिन्ह
20 नवंबर को होने जा रहे महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए अन्य उम्मीदवारों की तरह मुस्लिम समाज के 7 प्रत्याशी भी अपनी दमदार दावेदारी का हवाला करते हुए चुनाव मैदान में डटे हुए हैं. वही चुनाव के दौरान प्रचार हेतु इन उम्मीदवारों को चुनाव चिन्ह आबंटित भी कर दिए गए है. जिसमें से आजाद सामाज पार्टी के मो. अलीम पटेल को केतली, प्रहार जनशक्ति पार्टी के सै. अबरार सै. मजीद (बैट),रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया(ए) की मेराजुन्निसा अब्दुल शकील (दूरदर्शन) निर्दलीय में हाजी इरफान खान उस्मान खान को (रोड रोलर), शेख रहमत शेख इनायत (नारियल का बगीचा), शेख युसुफ (सोफा) चिन्ह प्राप्त हुए हैं.

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