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शिक्षक, पालक व विद्यार्थियों को मिली बडी राहत
अमरावती/दि.15 – शालेय पोषण आहार की रकम आखिरकार पालकों के ही खाते में जमा की जा रही है. जिसमें प्रहार शिक्षक संगठना के व्दारा किए गए प्रयास सफल रहे. शालेय पोषण आहार योजना अंतर्गत ग्रीष्मकालीन छूट्टियों की कालावधी में विद्यार्थियों को दिए जाने वाले पोषण आहार की रकम डीबीटी व्दारा सीधे विद्यार्थियों के खातों में हस्तातंरित करते हुए शत प्रतिशत विद्यार्थियों के आधारकार्ड लिंक करवाकर बैंक खाते खोलने के संदर्भ में शिक्षक संचालक ने विगत 25 जून के पत्रानुसार सूचना दी थी.
किंतु कोरोना काल में सभी शालाएं बंद थी किंतु शिक्षा का कार्य जारी था ऐसे में विद्यार्थियों को उनके बैंक खाते आधार से लिंक करवाना खतरनाक साबित हो रहा था. ऐसे में डीबीटी का लाभ प्राप्त करने के लिए विद्यार्थियों के पालकों के बैंक खातों को ग्राह्य माना जाए ऐसी मांग प्रहार शिक्षक संगठना के प्रदेश अध्यक्ष महेश ठाकरे ने शिक्षा संचालक से की थी.
उन्हें इस आशय का निवेदन भी सौंपा गया था आखिरकार राज्यस्तर पर प्रहार शिक्षक संगठना व्दारा की गई मांग मंजूर कर ली गई. शालेय शिक्षा व क्रीडा विभाग व्दारा 9 जुलाई के शासन निर्णय व्दारा अब आधार लिंक रहने वाले विद्यार्थियों के पालकों के खातों में रकम जमा करवाने की अनुमति दे दी गई है. जिसके कारण राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों के पालकों को बडी राहत मिली है और शासन व्दारा लिए गए इस निर्णय पर मुख्याध्यापकों व शिक्षकों ने संतोष व्यक्त किया.
आधार लिंक करने में विद्यार्थियों को अनेकों दिक्कतें
शालेय पोषण आहार के ग्रीष्मकाली छूट्टी के लिए केवल दो-चार सौ रुपए के लिए विद्यार्थियों के खाते राष्ट्रीयकृत बैंकों में खोलने की सूचनाएं दी गई थी किंतु बैंकों व्दारा झीरो बैलेंस खाता खोलने से इन्कार कर दिया गया था. न्यूनतम 1 हजार की रकम भरने पर ही खाते खोले जाएंगे ऐसी सूचना बैंको व्दारा दी गई थी. ऐसे में दो-चार सौ रुपए के लिए 1 हजार की रकम निवेश करने से पालकों ने इन्कार कर दिया. इसके अलावा विद्यार्थियों को आधार लिंक करने में अनेकों दिक्कते भी आ रही थी. वास्तविक स्थिति को देखकर प्रहार संगठन व्दारा निवेदन के माध्यम से शासन से मांग की गई. जिसमें प्रहार संगठन के प्रयास सफल रहे.