आखिर कला शिक्षक पद का गु्रप मान्यता में समावेश
कला शिक्षक पद भरती का हुआ मार्ग आसान
विदर्भ कलाशिक्षक संघ के अविरत प्रयास को मिली सफलता
अमरावती/दि.20– शालेय स्तर पर कला, क्रीडा विषय के महत्व का स्थान है. जिसके चलते इस विषय पर पढाई कराने के लिए कला व क्रीडा शिक्षक के विशेष शिक्षक के रुप में नियुक्ती की जाती है. मगर शासन व्दारा शालेय शिक्षण विभाग व्दारा शैक्षणिक वर्ष 2014-15 से कला व क्रीडा शिक्षकों के पद का समावेश कक्षा 6 से 8 सामान्य शिक्षक संवर्ग करने के कारण कला, क्रीडा शिक्षकों के रिक्त हुए पदों पर भर्ती के बारे में तकनीकी अडचन निर्माण होकर राज्य के असंख्य माध्यमिक शाला में हजारों कला शिक्षक पद अभी भी तक रिक्त है.
इसके चलते विदर्भ कलाशिक्षक संघ विगत अनेक वर्षो से शालेय शिक्षण मंत्री, शालेय शिक्षण सचिव, शालेय शिक्षण आयुक्त के पास शिक्षक पद मान्यता गु्रप में मान्यता में पूर्ववत कलाशिक्षक पद का समावेश कर शिक्षक पद भरती को पवित्र पोर्टल प्रणाली में समावेश करने के बारे में शासन स्तर पर लगातार फ्लोअप ले रही थी. हाल ही में संगठन के संस्थापक अध्यक्ष विनोद इंगोले ने शालेय शिक्षण आयुक्त सुरेश मांढरे, शालेय शिक्षण उपसचिव तुषार महाजन के साथ प्रत्यक्ष चर्चा कर इस बारे में सकारात्मक निर्णय होने के लिए जवाब लिया था. जिसके चलते शालेय शिक्षण विभाग ने 15 मार्च 2024 को शासन निर्णय निर्गमित कर कला,क्रीडा शिक्षक पद भर्ती मार्ग को आसान किया है. जिन शालाओं में कक्षा 6 से 8 में छात्रसंख्या 500 के उपर है, ऐसी शालाओं में एक कला शिक्षक का पद मान्य किया गया है. इस सकारात्मक निर्णय से विदर्भ कला शिक्षक संघ के संस्थापक अध्यक्ष विनोद इंगोले, अध्यक्ष अनिल लांडे, महासचिव गोपाल गावंडे, उपाध्यक्ष संजय समरीत, कोषाध्यक्ष डॉ. रामेश्वर बुंदिले, आशिष चौथे, महेन्द्र कोकणे, मोहन भोजापुरे, महेशचंद्र राजगिरे, उमेश पवार, योगेश बारहाते, संजय श्रीखंडे, अभय गादे, गणेश वनवे, आशिष देशमुख, आदि ने शासन का अभिनंदन किया. इस निर्णय में 500 से कम छात्रसंख्या रहने वाली शाला में कला शिक्षक की नियुक्त नहीं होती. जिसके कारण छात्रसंख्या की शर्त कम करने के लिए विदर्भ कला शिक्षक संघ इसके आगे भी शासन स्तर पर फ्लोअप लेने के लिए तैयार रहने की जानकारी अध्यक्ष इंगोले ने दी.