आखिर बच्चू कडू इतनी हडबडी में क्यों?
अपने पत्ते खोलने की जल्दबाजी में दिख रहे बच्चू कडू
* पहले 11 अप्रैल को भूमिका स्पष्ट करने की बात कही थी
* फैसले का सर्वाधिकार विधायक पटेल को दिया था
* अब 3 अप्रैल को अमरावती सीट पर खुद ही प्रत्याशी खडा करने का कर दिया ऐलान
अमरावती/दि.24– राज्य के सत्ताधारी महायुति में शामिल विधायक बच्चू कडू सरकार के साथ रहने के बावजूद भी अक्सर सरकार विरोधी भूमिका में दिखाई देते है तथा आये दिन किसी न किसी मुद्दे को लेकर सरकार, विशेषकर भाजपा के खिलाफ कोई न कोई बयान देते रहते है. अपनी इसी भूमिका विधायक बच्चू कडू ने विगत दिनों प्रहार जनशक्ति पार्टी के पदाधिकारी व कार्यकर्ता की बैठक बुलाते हुए महायुति पर अपनी अनदेखी का आरोप लगाने के साथ ही महायुति को अपनी ताकत दिखाने का ऐलान किया था. जिसके तहत उन्होंने राज्य के सभी संसदीय सीटों अपने प्रत्याशी खडे करने की घोषणा करने के साथ ही इस बारे में निर्णय लेने के सारे अधिकार अपने सहयोगी व प्रहार जनशक्ति पार्टी के विधायक राजकुमार पटेल को दिये थे. साथ ही उस बैठक में विधायक बच्चू कडू ने यह भी कहा था कि, वे अपनी राजनीतिक भूमिका 11 अप्रैल को स्पष्ट करेंगे. लेकिन इसके बावजूद विधायक बच्चू कडू लगातार मीडिया को अलग-अलग बयान दे रहे है. साथ ही आज उन्होंने खुद ही यह ऐलान कर दिया कि, वे अमरावती से लोकसभा चुनाव हेतु अपना प्रत्याशी खडा करने जा रहे है. जिसका नामांकन आगामी 3 अप्रैल को दाखिल किया जाएगा. ऐसे में सवाल उठता है कि, आखिर विधायक बच्चू कडू इतनी हडबडी में क्यों है और वे अपने पत्ते खोलने की इतनी जल्दबाजी भी क्यों कर रहे है.
उल्लेखनीय है कि, अभी लोकसभा चुनाव की नामांकन प्रक्रिया शुरु होने में भी 4 दिन का समय बाकी है. आगामी 28 मार्च से शुरु होने वाली नामांकन प्रक्रिया 4 अप्रैल तक चलेगी. वहीं अब तक अमरावती संसदीय सीट से महायुति द्वारा अपने प्रत्याशी के नाम की घोषणा भी नहीं की गई है. यद्यपि विधायक बच्चू कडू द्वारा महायुति के संभावित प्रत्याशी के तौर पर सांसद नवनीत राणा के नाम को लेकर अपना विरोध दर्शाया जा चुका है. परंतु अब तक सांसद नवनीत राणा का न तो भाजपा में प्रवेश हुआ है और न ही उन्हें महायुति की ओर से अपना प्रत्याशी ही घोषित किया गया है. ऐसे में महायुति को लेकर विधायक बच्चू कडू की नाराजगी और उनकी कथित हडबडी राजनीतिक रुप से संभ्रम पैदा करती है.
यह सही है कि, ऐन नामांकन प्रक्रिया के मुहाने पर भी अमरावती संसदीय क्षेत्र में काफी हद तक राजनीतिक उथल-पुथल और संभ्रम वाला माहौल है तथा किस ओर से कौन प्रत्याशी होगा. यह अब भी लगभग तय नहीं है. भले ही महाविकास आघाडी का हिस्सा रहने वाली कांग्रेस ने विधायक बलवंत वानखडे का नाम सांसद पद के प्रत्याशी के तौर पर घोषित कर दिया है. परंतु वानखडे के नाम को लेकर शिवसेना उबाठा में स्थानीय स्तर पर सहमति नहीं बन पायी है. जिसके चलते शिवसेना उबाठा द्वारा अमरावती संसदीय सीट को अपने हिस्से में रखकर प्रत्याशी खडा करने की बात कही जा रही है. परंतु भाजपा, शिंदे गुट वाली शिवसेना, अजीत पवार गुट वाली राकांपा एवं बच्चू कडू की प्रहार जनशक्ति पार्टी का समावेश रहने वाली महायुति की ओर से अब तक यह साफ नहीं किया गया है कि, अमरावती संसदीय सीट महायुति के किस दल के कोटे मेें रहेगी. भले ही भाजपा द्वारा इस बार अमरावती संसदीय सीट पर अपना प्रत्याशी देने और कमल चुनाव चिन्ह पर चुनाव लडने का दावा किया जा रहा है. परंतु भाजपा की ओर से भी प्रत्याशी कौन होगा, यह अब तक तय नहीं है. यद्यपि विगत लंबे समय से यह चर्चा चल रही है कि, सांसद नवनीत राणा द्वारा भाजपा में प्रवेश कर लिया जाएगा और भाजपा द्वारा सांसद नवनीत राणा को अपना प्रत्याशी बनाया जाएगा. परंतु नवनीत राणा के जाति प्रमाणपत्र का मामला सुप्रीम कोर्ट में अंतिम आदेश हेतु विचाराधीन है. जहां से फैसला कुछ भी आ सकता है. संभवत: इस बात के मद्देनजर भाजपा ने नवनीत राणा को लेकर अब तक अपने कदम आगे नहीं बढाये है. जिसके चलते प्रत्याशी घोषित करने का मामला भी अधर में अटका पडा है. ऐसे में महायुति में शामिल लगभग सभी घटक दलों के स्थानीय नेताओं द्वारा शांत व संयत रहकर ‘वेट एण्ड वॉच’ की भूमिका अपनाई जा रही है और अपनी-अपनी रणनीतियों पर ‘अंडरस्ट्रीम’ काम किया जा रहा है. परंतु विधायक बच्चू कडू द्वारा महायुति व भाजपा के खिलाफ एक तरह से मोर्चा ही खोलकर रखा गया है और वे भाजपा का नाम लेकर महायुति में शामिल सभी घटक दलों को लगभग चेतावनी ही दे रहे है. परंतु इसमें भी विधायक बच्चू कडू की भूमिका एक समान व स्थिर नहीं है. बल्कि वे लगभग हर दिन अपनी भूमिका और बयानों को बदल रहे है. अभी हाल ही में विधायक बच्चू कडू ने लोकसभा चुनाव के बारे में निर्णय लेने के सारे अधिकार अपनी ही पार्टी के विधायक राजकुमार पटेल को देते हुए ऐलान किया था कि, प्रहार पार्टी द्वारा 11 अप्रैल को अपनी भूमिका घोषित की जाएगी. लेकिन इसके तीन दिन बाद ही विधायक बच्चू कडू ने एक न्यूज चैनल से बातचीत के दौरान दावा किया कि, अमरावती में भाजपा के एक बडे नेता ने उनसे हाथ मिला लिया. जिसे प्रहार पार्टी द्वारा अमरावती में लोकसभा चुनाव के लिए अपना प्रत्याशी बनाया जाएगा और 3 अप्रैल को उस प्रत्याशी का नामांकन दाखिल करवाया जाएगा. वहीं इन 3 दिनों के दौरान भी विधायक बच्चू कडू लगातार मीडिया से बात करते रहे है और उन्होंने हर बार मीडिया के साथ बातचीत में कुछ हद तक अलग-अलग बयान दिये है. जिसके चलते यह सवाल उपस्थित होता है कि, आखिर विधायक बच्चू कडू की इस हडबडी की वजह क्या है और वे अपने राजनीतिक पत्ते खोलने को लेकर इतनी जल्दबाजी में क्यों है.