अमरावती

आखिर रंगेहाथ पकडे जाने के बावजूद सजा में सुस्ती क्यों?

रिश्वतखोरी में 364 पकडे गए, दोषी केवल 12!

* एक मामले में तो 20 साल बाद सुनाई गई सजा
* आज भी हजारों मामले अदालतों में पडे हैं प्रलंबित
अमरावती/दि.2 – राज्य सरकार द्बारा रिश्वतखोर अधिकारियों व कर्मचारियों को सजा देने का प्रमाण बढाने हेतु किए जा रहे प्रयास सफल होते दिखाई नहीं दे रहे. रिश्वतखोरों के सजा होने के प्रमाण में गत वर्ष की तरह ही इस वर्ष के 5 माह दौरान काफी कमी देखी गई. जारी वर्ष के 5 माह दौरान राज्य में रिश्वतखोरी से संबंधित केवल 9 मामलों में 12 रिश्वतखोरों को दोषी साबित करते हुए उन्हें सजा सुनाई गई इसमें में भी यह सभी मामले 2003, 2006, 2012, 2013, 2014 व 2017 में दर्ज हुए थे. यानि जिस भ्रष्ट सरकारी कर्मचारी पर सन 2003 में रिश्वतखोरी का मामला दर्ज किया गया था. उसे अब 20 वर्ष बाद अप्रैल 2023 में 6 महिने की सामान्य कैद की सजा सुनाई गई है. इस दौरान इस मामले में संबंधित कनिष्ठ अभियंता को वर्ष 2016 में निर्दोषमुक्त किया गया था. जिसके खिलाफ अपील किए जाने पर उसे अब कही जाकर सजा हुई है. इससे यह स्पष्ट होता है कि, रिश्वतखोरी से संबंधित मामले सालोंसाल तक न्याय प्रविष्ठ रहते है और रिश्वत लेते हुए रंगेहाथ पकडे जाने के बाद भी अधिकांश रिश्वतखोर आगे चलकर निर्दोष छूट जाते है, या फिर उन्हें बेहद मामूली सजा हो पाती है.

* पिछले वर्ष 42 घूसखोरों को हुई थी सजा
वर्ष 2022 में 32 मामलों मेें 42 रिश्वतखोरों का अपराध साबित हुआ और उन्हें सजा सुनाई गई. साथ ही इन 42 रिश्वतखोरों को कुल 7 लाख 18 हजार 50 रुपए का दंड भी भरना पडा. सजा प्राप्त करने वाले रिश्वतखोरों में से 14 लोग पुलिस महकमें से तथा 11 लोग राजस्व, भूमि अभिलेख व पंजीयन विभाग से संबंधित है.

* तकनीकी साक्ष होती है महत्वपूर्ण
भ्रष्टाचार प्रतिबंधक मामलों को लेकर दर्ज होने वाले मुकदमों में तकनीकी साक्ष्य सबसे महत्वपूर्ण होती है. इसके साथ ही मुकदमा चलाने के लिए मिलने वाली मंजूरी का भी महत्व होता है. कई मामलों में व्यक्तिगत कारणों के चलते शिकायत दी गई होती है, जिसकी वजह से आरोपी को संदेह का लाभ मिलता है. वहीं कुछ मामलों में कानूनी दृष्टि के हिसाब से सबूत इकठ्ठा नहीं किए जाते. इस बात का भी आरोपी को फायदा मिलता है और ऐसी तकनीक की वजह से रंगेहाथ पकडे जाने के बावजूद मुकदमे की सुनवाई के पश्चात आरोपी निर्दोष छूट जाते है.

* वर्ष निहाय स्थिति
वर्ष ट्रैप अपसंपदा अन्य भ्रष्टाचार
2018 891 22 23
2019 866 20 05
2020 660 12 21
2021 764 07 02
2022 728 12 09
2023 358 05 01

 

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