अमरावती

कोरोना के बाद अब ‘ब्लैक फंगस’ का खतरा

‘म्युकर मायकोसीस’ तेजी से पसार रहा पाव

  • इर्विन में उपचार के लिए बनाया गया स्वतंत्र कक्ष

  • 10 आये संक्रमण की चपेट में, 6 का चल रहा इलाज, 4 को मिला डिस्चार्ज

अमरावती/दि.12 – कोविड संक्रमण की चपेट में आनेवाले तथा ब्लड शूगर व हाई बीपी से पीडित मरीजों पर अब म्युकर मायकोसीस की चपेट में आने का खतरा मंडरा रहा है और अब तक अमरावती जिले में म्युकर मायकोसीस के 10 मरीज पाये जा चुके है. जिनके इलाज हेतु जिला सामान्य अस्पताल में स्वतंत्र कक्ष बनाया गया है, जहां पर म्युकर मायकोसीस से संक्रमित मरीजों का इलाज चल रहा है और 10 में से 4 मरीजों को इलाज पश्चात डिस्चार्ज दिया गया है. वहीं 6 मरीजों को स्वास्थ्य निगरानी के तहत रखा गया है.
बता दें कि, जिन मरीजों में शूगर की समस्या अनियंत्रित है और जिन मरीजों को कोविड संक्रमण के चलते अधिक दिनों तक आयसीयू में रखा गया, उनमें ब्लैक फंगस के संक्रमण का खतरा दिखाई दे रहा है. कोविड संक्रमित मरीजों में कोविड मुक्त होने के बावजूद रोग प्रतिकारक क्षमता काफी कम हो जाती है. जिसकी वजह से उनमें अन्य बीमारियों के संक्रमण का खतरा बना रहता है. खासकर ऐसे मरीजों में म्युकर मायकोसीस नामक फंगस इंफेक्शनवाली संक्रामक बीमारी होने का खतरा काफी अधिक बढ जाता है.
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक म्युकर मायकोसीस नामक यह बीमारी काफी हद तक जानलेवा भी साबित हो सकती है. साथ ही इस बीमारी की वजह से मरीज की आंखों की रोशनी जाने का भी खतरा होता है. नाक के जरिये शरीर में प्रवेश करनेवाला इस फंगस का इंफेक्शन आंख व मस्तिष्क की कोशिकाओं को बडी तेजी से नष्ट करता है. जिससे आंखों की रोशनी चली जाती है और मरीज की एक अथवा दोनोें आंखों को निकालना पड सकता है. साथ ही यदि मस्तिष्क की कोशिकाए नष्ट हो गई, तो मरीज की मौत भी हो सकती है.
इन दिनों जहां एक ओर ब्लड शूगर व हाई ब्लडप्रेशर जैसी बीमारियों से जूझ रहे लोगों पर कोविड संक्रमित होने का खतरा मंडरा रहा है, वहीं कोविड संक्रमण की चपेट में आनेवाले ऐसे मरीजों के ब्लैक फंगस की चपेट में आने का भी खतरा बना हुआ है. इस समय तक अमरावती के जिला सामान्य अस्पताल में बनाये गये स्वतंत्र कक्ष में म्युकर मायकोसीस से पीडित कुल 10 मरीजों को भरती किया गया है. जिसमें से 4 मरीजों को डिस्चार्ज दिया गया है और 6 मरीजों का इलाज चल रहा है. जिसमें से 2 मरीजों की स्थिति गंभीर बतायी जा रही है. जिन्हें डिस्चार्ज देने के बाद दुबारा अस्पताल में भरती कराया गया है.

Shamsundar-Nikam-Amravati-Mandal

  • म्युकर मायकोसीस यह फंगस का एक ऐसा प्रकार है, जो अमूमन कम ही पाया जाता है, लेकिन यह सहीं है कि, इसका मानवीय शरीर पर असर काफी घातक होता है. कोविड संक्रमण की दूसरी लहर के दौरान म्युकर मायकोसीस के फंगस का भी संक्रमण फैलना काफी चिंता का विषय है. हालांकि लोगों ने इससे घबराना नहीं चाहिए, बल्कि स्वास्थ्य को लेकर सतर्क और सजग रहना जरूरी है, ताकि कोविड संक्रमण के साथ-साथ इस फंगस के हमले से भी बचा जा सके.
    – डॉ. श्यामसुंदर निकम
    जिला शल्य चिकित्सक
  • कोविड मुक्त होनेवाले मरीजों को ब्लैक फंगस यानी म्युकर मायकोसीस के संक्रमण से बचाने के लिए पहले 15 दिन काफी महत्वपूर्ण होते है. इस दौरान सही देखरेख और इलाज मिलने पर संक्रमित मरीजों की जान बचायी जा सकती है. ऐसे में यदि किसी भी मरीज को कोविड मुक्त होने के बाद भी अस्वस्थ महसूस होता है और सांस लेने में कोई दिक्कत होती है, तो उन्होंने बिना डरे तुरंत ही किसी विशेषज्ञ डॉक्टर से अपनी स्वास्थ्य जांच करवानी चाहिए.
    – डॉ. रवि भूषण
    इंचार्ज, सुपर कोविड अस्पताल

Related Articles

Back to top button