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डॉ. बोंडे के बाद अब श्रीकांत भारतीय पर भाजपा मेहरबान

भारतीय को विधान परिषद के लिए बनाया गया प्रत्याशी

* अमरावती के हिस्से में राज्यसभा के साथ ही विधान परिषद की भी सीट
* पश्चिम विदर्भ पर पकड मजबूत करने पार्टी का नया प्लान
अमरावती/दि.8- हाल ही में भारतीय जनता पार्टी द्वारा राज्यसभा चुनाव के लिए राज्य के पूर्व कृषि मंत्री डॉ. अनिल बोंडे को बडे अनपेक्षित तरीके से अपना प्रत्याशी घोषित किया गया था और डॉ. अनिल बोंडे का राज्यसभा जाना लगभग पूरी तरह से तय है. वहीं अब भाजपा ने मूलत: अमरावती से ही वास्ता रखनेवाले श्रीकांत भारतीय को विधान परिषद के चुनाव हेतु अपना प्रत्याशी घोषित किया है. यानी अब अमरावती के हिस्से में राज्यसभा की सदस्यता के साथ-साथ विधान परिषद की एक और सीट आ रही है. अमरावती जिले से वास्ता रखनेवाले दो नेताओं को अचानक ही राज्यसभा और विधान परिषद का प्रत्याशी बनाये जाने के पीछे भाजपा द्वारा आगामी चुनावों को ध्यान में रखते हुए लगाये जानेवाले गणित है, ऐसा माना जा रहा है, ताकि भाजपा द्वारा पश्चिम विदर्भ क्षेत्र पर अपनी पकड को और अधिक मजबूत किया जा सके. साथ ही सभी जाति वर्ग के वोटों को साधा जा सके.
उल्लेखनीय है कि, विधान परिषद के चुनाव हेतु भाजपा के कई दिग्गज नेताओं के नाम चर्चा में थे, लेकिन उनकी अनदेखी करते हुए भाजपा द्वारा अचानक ही श्रीकांत भारतीय को अपना प्रत्याशी बनाये जाने की घोषणा की गई है. उल्लेखनीय है कि, यद्यपि श्रीकांत भारतीय मूलत: अमरावती से वास्ता रखते है, लेकिन स्थानीय स्तर की राजनीति में उनकी दखलअंदाजी काफी कम रही. वहीं राज्य में भाजपा-सेना युती की सत्ता रहते समय वे प्रादेशिक स्तर की राजनीति में कुछ अधिक सक्रिय हुए और तत्कालीन मुख्यमंत्री देवेेंद्र फडणवीस के विशेष कार्य अधिकारी यानी ओएसडी के तौर पर कार्यरत रहे. इसके अलावा पार्टी द्वारा उन्हें प्रदेश कार्यकारिणी में संगठन मंत्री जैसे महत्वपूर्ण पद की जिम्मेदारी भी सौंपी गई और संगठन में उनके द्वारा किये जाते कामों को देखते हुए पार्टी ने संभवत: उन्हें विधान परिषद के लिए अपना प्रत्याशी घोषित किया है.
वहीं दूसरी ओर राजनीतिक सूत्रों के मुताबिक विगत विधानसभा चुनाव में भाजपा को अमरावती जिले में अपेक्षित सफलता नहीं मिल पायी. जिस पर चिंतन करने के साथ ही भाजपा द्वारा राजनीतिक कारणों के साथ-साथ जातिय समीकरणों का विचार भी किया गया. जिसके तहत कांग्रेस व राकांपा की ओर झुकाव रखनेवाले कुणबी, मराठा व ओबीसी समाज को भाजपा की ओर आकृष्ट करने की रणनीति तय की गई.
इसी के तहत ओबीसी व कुणबी मराठा वोटों को साधने के लिए डॉ. अनिल बोंडे को राज्यसभा भेजने की रणनीति तय की गई. वहीं अब श्रीकांत भारतीय को विधान परिषद की उम्मीदवारी देते हुए ब्राह्मण समाज और सर्वसाधारण प्रवर्ग के वोटों को साधने का प्रयास किया जा रहा है. उल्लेखनीय है कि, अमरावती सहित पश्चिम विदर्भ में भाजपा के साथ अच्छा-खासा जनाधार है लेकिन विगत कुछ समय से सर्वसाधारण प्रवर्ग में शामिल रहनेवाले सवर्णों, विशेषकर ब्राह्मण समाज में भाजपा द्वारा खुद की अनदेखी किये जाने को लेकर नाराजगी देखी जा रही थी. ऐसे में समाज के सभी वर्गों के बीच अपना संतुलन बनाये रखने हेतु पार्टी द्वारा डॉ. अनिल बोंडे के बाद अब बडे अनपेक्षित तरीके से श्रीकांत भारतीय के नाम को आगे किया गया. इन दोनों प्रत्याशियों के चुने जाने के बाद अमरावती जिले में भाजपा का एक सांसद और तीन विधायक हो जायेंगे.

* आक्रामक तेवर व तेजतर्रार स्वभाववाले नेता है श्रीकांत भारतीय
उल्लेखनीय है कि, मुख्य धारा की राजनीति से हमेशा ही दूर रहनेवाले श्रीकांत भारतीय का भाजपा में संगठनात्मक स्तर पर हमेशा ही अच्छा-खासा दखल और दबदबा रहा. पार्टी की नीतियों और सिध्दांतों को लेकर श्रीकांत भारतीय के तेवर हमेशा आक्रामक ही रहे और उन्हें तेजतर्रार स्वभाववाला नेता माना जाता है. पूर्व मुख्यमंत्री फडणवीस के ओएसडी रहतेे समय श्रीकांत भारतीय ने पार्टी को अपनी प्रशासनिक निर्णय क्षमता से अवगत कराया. साथ ही संगठनमंत्री के तौर पर काम करते हुए उनके संगठन कौशल्य की भी हमेशा चर्चा होती रही. इन्हीं सब बातों को देखते हुए पश्चिम विदर्भ के साथ-साथ विधान परिषद में अपनी स्थिति को मजबूत करने के लिए भाजपा द्वारा श्रीकांत भारतीय के नाम को फाईनल किया गया.

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