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पांच दिन बाद उपज मंडी खुलते ही सोयाबीन की आवक बढ़ी

सूखा माल रहने से प्रति क्विंटल 4500 से 5 हजार हुए

अमरावती/दि.25- धनतेरस के पूर्व शनिवार 22 अक्तूबर से पांच दिन के लिए बंद हुई अमरावती कृषि उपज मंडी गुरूवार 27 अक्तूबर से शुरू होते ही सोयाबीन की आवक बढ़ गई है. दीपावली के बाद गुरूवार से खुली मंडी में सोयाबीन का सूखा माल आने से प्रति क्विंटल दाम 4500 से 5 हजार रुपए हो गए है. अब आगामी दिनों में माल आवक और भी बढ़ने की संभावना खरीददारो द्वारा जताई गई है.
इस वर्ष खरीफ सत्र में अतिवृष्टि व मूसलाधार बारिश के साथ ही वापसी की बारिश से सोयाबीन की फसल को काफी नुकसान पहुंचा. जिले के कुछ इलाको में सोयाबीन खराब भी हुआ. लेकिन अनेक इलाको में किसानों के हाथ औसतन अच्छी फसल लगी. दीपावली के पूर्व कुछ किसान सोयाबीन का गिला माल अमरावती कृषि उपज मंडी में बिक्री के लिए लाने लगे. माल गिला रहने से 3700 से 4000 रुपए प्रति क्विंटल के दाम व्यापारियों द्वारा दिए गए. लेकिन पहले से ही दीपावली के बाद मंडी में सोयाबीन माल की आवक बढ़ने की संभावना जताई जा रही थी. पपांच दिन बाद गुरूवार 27 अक्तूबर से मंडी खुलते ही माल आवक काफी बढ़ गई. अब दो दिन से 10 से 12 हजार क्विंटल सोयाबीन का माल मंडी में आने लगा है. माल सूखा आता रहने से प्रति क्वटिल सोयाबीन को 4500 से 5 हजार रुपए भाव दिए जा रहे है.
दीपावली के कारण 22 अक्तूबर शनिवार से उपज मंडी बंद थी. इस कारण खरीदी-बिक्री के व्यवहार पूरी तरह बंद थे. दिवाली के पूर्व मंडी में आवक कम रहने से उत्साह कम दिखाई दे रहा था. लेकिन पश्चात गुरूवार से मंडी फिर से शुरू होते ही माल की आवक बढ़ गई है. अब खरीददारो का कहना है कि बारिश की कालावधि समाप्त होने से और किसानों द्वारा नए सोयाबीन की फसल की कटाई किए जाने से दिनोंदिन माल की आवक निश्चित रुप से बढ़ेंगी. साथ ही माल सूखा मंडी में आता रहने से किसानों को भाव भी अधिक मिल रहे है.

इस वर्ष सोयाबीन का उत्पादन बारिश के कारण कम होने की संभावना जताई जा रही थी. लेकिन खरीफ सत्र की सही मायने में अब शुरूआत हुई है. सोयाबीन की आवक निश्चित रुप से बढ़ेंगी और भाव भी बढ़ेंगे. किसानों द्वार अब गिला सोयाबीन मंडी में बिक्री के लिए लाना बंद कर उसे सूखाकर लाना चाहिए, ऐसा बाजार समिति के आडतिया राजेश अग्रवाल ने कहा.

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