अमरावती

पॉजीटीव आने के बाद लोग होम आयसोलेट होने पर दे रहे जोर

इलाज पर होनेवाला खर्च पड रहा भारी

  • वरूड में सरकारी कोविड केंद्र शुरू करने की मांग

वरूड/प्रतिनिधि दि.१२ – इस समय वरूड शहर सहित तहसील में कोविड पॉजीटीव मरीजों की संख्या बडी तेजी से बढ रही है और अधिकांश मरीज कोविड संक्रमण की चपेट में आने के बाद खुद को होम आयसोलेट करवाने पर जोर दे रहे है, क्योंकि निजी कोविड अस्पताल में भरती होने पर इलाज हेतु 1 से 3 लाख रूपयों का खर्च आता है और इतना महंगा इलाज करवाने की बजाय तहसील के अधिकांश कोविड पॉजीटीव मरीज होम आयसोलेटेड हो रहे है. जिसकी वजह से इन संक्रमित मरीजों सहित उनके संपर्क में आनेवाले हजारों लोगों का स्वास्थ्य खतरे में कहा जा सकता है. ऐसे में स्थानीय निवासियोें द्वारा वरूड शहर में सरकारी कोविड अस्पताल शुरू करने की मांग की जा रही है.
उल्लेखनीय है कि, वर्ष 2020 के अप्रैल माह से शुरू हुआ कोविड संक्रमण एक वर्ष बाद भी रूका नहीं है तथा प्रशासन द्वारा अब कंटेनमेंट झोन व बफर झोन बनाने की ओर भी कोई विशेष ध्यान नहीं दिया जा रहा. इस समय केवल स्वास्थ्य महकमा ही पूरी तरह से सतर्क है और कोविड जांच व टीकाकरण अभियान इमानदारी के साथ शुरू है. किंतु अब यदि कोई मरीज कोविड पॉजीटीव पाया जाता है, तो उसे बेनोडा के कोविड केयर सेंटर में नहीं भेजा जाता, बल्कि घर पर ही होम आयसोलेशन में रखा जाता है. ऐसे में संबंधित व्यक्ति को ही अपनी दवाईपानी का खर्च करना पडता है. वहीं दूसरी ओर निजी कोविड सेंटर में जाकर लाख-दो लाख रूपये का खर्च करते हुए अपना इलाज कराने की स्थिति सामान्य नागरिकों की नहीं है. ऐसे में लोगबाग ही निजी अस्पतालों में भरती होकर इलाज नहीं कराना चाहते.
इस समय सरकारी आंकडों के मुताबिक वरूड तहसील में 2 हजार 80 कोविड संक्रमित मरीज पाये जा चुके है. किंतु हकीकत में यह संख्या इससे अधिक रहने की संभावना से इन्कार नहीं किया जा सकता. इसके अलावा होम आयसोलेशन में रखे गये कोविड संक्रमित मरीजों के घरों पर कोई फलक नहीं लगाया गया है. ऐसे में आम नागरिकों के पास अपने अडौस-पडौस में रहनेवाले कोविड संक्रमितों को पहचानने का कोई जरिया नहीं है. साथ ही साथ लोगबाग भी अब कोविड संक्रमण के खतरे को लेकर काफी हद तक लापरवाह हो चले है. ऐसे में कोविड संक्रमण को नियंत्रित करने गंभीरतापूर्वक कदम उठाये जाने की वरूड में सख्त जरूरत देखी जा रही है.

कोरोना काल में नागरिकों द्वारा नियमों का पालन किया जाना चाहिए और लॉकडाउन काल के दौरान कोई भी बिना वजह अपने घरों से बाहर न निकले. अन्यथा संबंधितों के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी. साथ ही प्रशासन द्वारा समय पडने पर वरूड में कोविड आयसोलेशन सेंटर भी शुरू किया जायेगा. अत: नागरिकों को घबराने की जरूरत नहीं है.
– किशोर गावंडे
तहसीलदार, वरूड

  • सत्ता पक्ष का झगडा शहर के लिए घातक

गत वर्ष कोरोना वॉरियर के रूप में आगे आकर प्रसार माध्यमों में अपने फोटो छपवानेवाले जनप्रतिनिधि आज कहीं पर भी दिखाई नहीं दे रहे है. महामारी काल के दौरान भाजपा के गटनेता ने 11 नगरसेवकों को अपने साथ लेकर अपना अलग गुट बनाया. वहीं शहरवासियों की चिंता न तो नगराध्यक्ष को है और न ही विपक्षी सदस्यों को. शहर में मरीजों की संख्या लगातार बढने के बावजूद नगर परिषद द्वारा एक भी निर्णय नहीं किया जा रहा. जिससे यहां के अधिकारी हतबल है. ऐसे में कहा जा सकता है कि, सत्ताधारियों के बीच चल रहा झगडा इस समय वरूड शहर के लिए खतरा बना हुआ है.

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