अमरावती

समृद्धि के बाद अब शक्तिपीठ महामार्ग

13 जिले जोडे जाएंगे

* भूसंपादन के लिए समिति
अमरावती/दि.8– राज्य की सभी शक्तिपीठों को जोडने वाला नागपुर से गोवा यह शक्तिपीठ द्रूतगति महामार्ग प्रस्तावित है. इस महामार्ग से कुछ तहसीलें देश के नक्शे पर आने वाली है.
राज्य सडक विकास महामंडल व्दारा प्रस्तावित किया यह महामार्ग राज्य के 13 जिलो से जाने वाला है. इसमें माहुर, औंढा नागनाथ, अंबाजोगाई, परली, तुलजापुर, पंढरपुर, नरसोबा वाडी, कोल्हापुर आदि प्रमुख धार्मिक स्थलों को इस शक्तिपीठ महामार्ग से जोडा जानेवाला है. यह प्रस्तावित एक्सप्रेस वे श्री क्षेत्र माहुर से जानेवाले राष्ट्रीय महामार्ग क्रमांक 161 ए को जोडा जानेवाला है. इस महामार्ग की भूमि संपादन के लिए सलाहगार समिति की स्थापना की गई है. यह महामार्ग श्रीक्षेत्र माहुर को जोडने के बाद सारखणी, मांडवी, पिंपलगांव, आदिलाबाद आदि अंतरराज्य सडकों का महत्व बढने वाला है. इसके अलावा भारत के प्रमुख राष्ट्रीय महामार्ग रहे कन्याकुमारी के महामार्ग क्रमांक 44 को जोडा जाएगा. जिससे इस शक्तिपीठ महामार्ग में आनेवाली अनेक तहसीलों का महत्व बढने वाला है.

* गढकरी ने की थी घोषणा
माहुर में 23 अक्तूबर 2017 को राष्ट्रीय महामार्ग के भूमिपूजन के समय तत्कालीन विधायक प्रदीप नाईक ने सारखणी-मांडवी-आदिलाबाद इस 45 किमी के मार्ग को राष्ट्रीय महामार्ग का दर्जा देने की मांग की थी. तब केंद्रीय यातायात मंत्री नितिन गडकरी ने महामार्ग का दर्जा देने की घोषणा की थी.

* तेजी से बढेगा पर्यटन
शक्तिपीठ महामार्ग का निर्माण होने पर इससे जाडे जानेवाले अनेक तहसील का महत्व बढेगा, साथ ही जिन तसीलों मेंं अभ्यारण्य है, वहां पर्यटन भी बढेगा. विदर्भ के टिपेश्वर और तेलंगणा के अदिलाबाद जिले के कावल व्याघ्र रिर्जव से किनवट के जंगल में बाघ का आदिवास बढने वाला है. इस कारण इस इलाके में पर्यटन निश्चित रुप से बढेगा और तहसील के राजस्व में भी बढोतरी होगी.

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