अमरावतीमहाराष्ट्र

30 हजार हेक्टेअर में कपास की बुआई करने के बाद बारिश गायब

किसानों को चिंता, कुछ क्षेत्र में दुबारा बुआई की संभावना

अमरावती/दि.20– मौसम विभाग ने 12 जून को जिले में मानसून पहुंचने की घोषणा की. करीबन 30 हजार हेक्टेअर में कपास की बुआई हुई. लेकिन बारिश न होने के कारण किसानों की चिंता बढ गई है. दो-तीन दिनों में बारिश न होने पर सिंचन की सुविधा न रहे खेतो में दोबारा बुआई का संकट आने की संभावना है.
इस वर्ष औसतन से अधिक बारिश की संभावना आयएमडी द्वारा दर्शाई गई. ऐसे समय जिले में अपेक्षा से तीन दिन पूर्व मानसून दाखिल होने से किसानों को राहत मिली. प्रत्यक्ष में तब से बारिश ने मुंह मोड लिया. कुछ स्थानों पर केवल बुंदाबांदी होने से अधिकांश क्षेत्र की बुआई ठप हो गई है. इस बार के खरीफ सत्र में 16 मई से बीटी के बीज उपलब्ध है फिर भी बोंडी इल्ली का प्रादूर्भाव टालने के लिए अधिकांश किसानों ने सत्र के पूर्व कपास की बुआई कर ली है. जिन किसानों के पास सिंचन की सुविधा थी उन्होंने जून माह में कपास की बुआई की. जिले में मेलघाट, अचलपुर, दर्यापुर व भातकुली तहसील के किसानों को बारिश की प्रतीक्षा रहने से खरीफ की बुआई रुक गई है. आयएमडी द्वारा 22 जून के बाद बारिश की संभावना दर्शाए जाने से किसानों को बारिश की प्रतीक्षा है.

* 30 जून तक कर सकेगे मूंग, उडद की बुआई
मानसून को हर वर्ष विलंब होता रहने से जिले के मूंग और उडद का क्षेत्र दिनोंदिन कम होता जा रहा है. 60 दिनों की कम कालावधि की यह फसल है. इस बार बारिश में देरी होती रही तो भी मूंग, उडद 30 जून तक और कपास, सोयाबीन की 15 जुलाई तक बुआई करते आना संभव रहने की बात जिला अधीक्षक कृषि अधिकारी राहुल सातपुते ने कही. जिले में दर्यापुर और भातकुली तहसील में मूंग और उडद का क्षेत्र अधिक है.

* बारिश की प्रतीक्षा
मेलघाट और खारे पानी पट्टे को छोडकर 9 तहसील में कम से कम 30 से 35 हजार हेक्टेअर क्षेत्र में कपास की बुआई हुई है. कुछ तहसील में एक-दो दफा अच्छी बारिश होने से फिर बारीश होने की आशा में किसानों ने कपास की बुआई की. लेकिन यह बुआई फिजूल तो नहीं जाएगी, इस बात की चिंता किसानों में है.

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