अमरावती

तपोवन के बाद आज छत्री तालाब के जंगल को आग

ग्रीष्मकाल की आग या शरारत, वन विभाग संभ्रम में

  • इससे पहले भी पोहरा, इंदला और चिरोडी में भी लग चुकी है आग

अमरावती प्रतिनिधि/ दि.१२ – हर वर्ष शहर के समीप के पोहरा के जंगल को संभवत: पारा 43 पार होने के बाद आग लगती है. जिसे हम दानावल कहते है. ज्यादा धूप तपने से जंगल में नैसर्गिक रुप से लगी हुई आग कहते है, लेकिन इस बार जब पारा 35 से 36 डिग्री के करीब था तभी से पोहरा, चिरोडी और इंदला के जंगल में आग लग चुकी है. यह आग नैसर्गिक नहीं बल्कि किसी की शरारत होने का अनुमान व्यक्त किया जा रहा है. इसी बीच कल गुरुवार की रात तपोवन परिसर के जंगल को आग लगी. इस घटना को 12 घंटे का समय नहीं हुआ तो आज सुबह छत्री तालाब से भानखेडा मार्ग पर स्थित जंगल में अचानक आग लग गई. दोपहर 3 बजे तक वन विभाग और दमकल विभाग का दस्ता इस आग पर काबू पाने में लगा हुआ था. लेकिन वन विभाग के अधिकार क्षेत्र में लगातार लग रही आग के कारणों के चलते वन विभाग भी इन दिनों संभ्रम में बताया जा रहा है.
जानकारी के अनुसार तपोवन परिसर के जंगल में कल गुरुवार रात 8.25 बजे के दौरान अचानक आग लग गई. जिसमें जंगल की कीमती वनसंपदा जलने लगी. इस आग की लपेटे शहर के उंचे हिस्से से स्पष्ट दिखाई दें रही थी. आग की जानकारी मिलते ही दमकल विभाग की दो गाडियां मौके पर पहुंच गई और आग को नियंत्रण में कर लिया. खबर है कि माधवी विहार कॉलोनी निवासी बादल कुलकर्णी वहां से जा रहे थे, तब उन्हें तपोवन परिसर के जंगल तथा तपोवन संस्था के बंजर खेत में पेड, जंगली झाडियां जलती हुई दिखाई दी. उन्होंने इसकी सूचना दमकल विभाग को दी. खबर मिलते ही फायरमैन मोहसीन इकबाल, सुरेश पालवे, दिनेश मोहोड व वाहन चालक देवकर यह मौके पर पहुंचे और उन्होंने 5 टैेंकर की मदत से आग को पूरी तरह से नियंत्रण कर लिया. इसके बाद आज सुबह छत्री तालाब से भानखेडा की ओर जाने वाले मुख्य रास्ते के किनारे स्थित जंगल में को आग लग गई. दोपहर 12 बजे से दमकल विभाग की दो गाडियों की मदत से आग को नियंत्रण में कर लिया गया. खबर है कि छत्री तालाब के पास जहां नया बगीचा बनने जा रहा है, उसके पास ही वन विभाग के क्षेत्र में यह आग लगी. वन विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि यह आग नैसर्गिक नहीं बल्कि रास्ते से जाने वाले किसी व्यक्ति ने जलती हुई सिगरेट या बीडि रास्ते के किनारे फेंक दी. जिससे आग लग गई.

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