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कार्रवाई के बाद अब मजदूर लौटने लगे अपने गांव

ईंट भट्टो पर दो दिन पूर्व हुई कार्रवाई के बाद दहशत

* सभी ईंट भट्टो का कामकाज ठप
* 50 ईंट भट्टी संचालक के कार्रवाई पर अदालत से स्थगनादेश लाने के प्रयास
अमरावती/दि. 10 – दो दिन पूर्व बडनेरा थाना क्षेत्र के कोंडेश्वर रोड स्थित सैकडों ईंट भट्टो को हटाने के लिए जिला प्रशासन द्वारा पुलिस व मनपा प्रशासन के सहयोग से कार्रवाई की गई थी. लेकिन ईंट भट्टी संचालकों के अनुरोध पर यह कार्रवाई आगामी 20 मई तक रोक दी गई. कार्रवाई रोकने के पूर्व 6 ईंट भट्टी नष्ट कर दी गई थी. इस कार्रवाई के कारण ईंट भट्टी का कामकाज ठप हो गया है. हाथ में कोई काम न रहने से और कार्रवाई के दौरान झोपडियां जमींदोज किए जाने से बेघर हुए मेलघाट के आदिवासी मजदूर अपने गांव वापस लौटने लगे है. वहीं दूसरी तरफ भयभीत हुए करीबन 50 ईंट भट्टी संचालको ने अपने वकील के जरिए अदालत का दरवाजा खटखटाकर कार्रवाई पर स्थगनादेश प्राप्त करने के प्रयास शुरु कर दिए है.
बडनेरा थाना क्षेत्र के कोंडेश्वर और अंजनगांव बारी रोड पर करीबन 400 से 500 ईंट भट्टियां है. इसमें सर्वाधिक ईंट भट्टे कोंडेश्वर रोड पर वडद के पास से मौजा बडनेरा, म्हसला, वरुडा, अलीयाबाद आदि परिसरो में है. अधिकांश ईंट भट्टी संचालक पिछले 25-30 सालों से शासकीय जमीन पर अतिक्रमण कर अपना व्यवसाय चला रहे है. इस व्यवसाय के लिए वे हर वर्ष प्रशासन के पास रॉयल्टी अदा करते है. अनुमति मिलने पर उनका व्यवसाय शुरु रहता है. इन ईंट भट्टियों पर मेलघाट के सैकडों आदिवासी मजदूर काम करते है. यह मजदूर अपने परिवार के साथ ईंट भट्टो पर आकर कच्ची झोपडियां बनाकर रहते है. लेकिन अब कोंडेश्वर रोड के अलीयाबाद सर्वे नं. 9/1 की शासकीय जमीन पर शासकीय वैद्यकीय महाविद्यालय आनेवाला रहने से प्रशासन द्वारा इस मार्ग की सभी शासकीय जमीन के ईंट भट्टो को हटाने की कार्रवाई शुरु की गई है. पिछले दो वर्ष से यह शासकीय जमीन खाली करने के निर्देश दिए गए है. लेकिन ईंट भट्टी संचालको ने वह जमीन खाली नहीं की है. परंतु अब मेडीकल कालेज का काम शुरु करना रहने से और निर्माणकार्य के लिए जगह खाली करना रहने से प्रशासन ने इन ईंट भट्टी संचालको को हटाने का अभियान तेज कर दिया है. अनेक बार सूचना, हिदायत और नोटिस देने के बावजूद भट्टे न हटने पर अचानक बुधवार 8 मई को जिलाधिकारी के निर्देश पर राजस्व विभाग ने पुलिस व मनपा प्रशासन की सहायता से इस मार्ग के सर्वे नं. 34, 35 के ईंट भट्टो को हटाने की कार्रवाई शुरु की. कार्रवाई शुरु होते ही सर्वप्रथम वहां काम करनेवाले मजदूरों की झोपडियां तोड दी गई. पश्चात 6 ईंट भट्टे जेसीबी की सहायता से नष्ट किए गए. लेकिन पश्चात विधायक रवि राणा के हस्तक्षेप से यह कार्रवाई 20 मई तक रोक दी गई. लेकिन इस कार्रवाई से ईंट भट्टी संचालको में दहशत व्याप्त है. कार्रवाई के बाद सभी ने अपने कामकाज बंद कर दिए है. वहां काम करनेवाले मेलघाट के आदिवासी मजदूर बेघर हो जाने से और हाथों में काम न रहने से वे अब अपने परिवार के साथ वापस गांव लौटने लगे है. गुरुवार 9 मई से आदिवासी परिवारो के इन मजदूरों का वापस घर लौटने का सिलसिला जारी था. इस कारण भट्टो पर पडी ईंटो को उठाने के लिए भी इन व्यवसायियों को मजदूर तलाशने पड रहे है.

* चिखलदरा तहसील के है सभी मजदूर
कोंडेश्वर रोड की ईंट भट्टियों पर काम करनेवाले आदिवासी मजदूर अधिकांश चिखलदरा तहसील के है. दयाराम बलीराम काले नामक मजदूर ने बताया कि, यहां की हर भट्टियों पर 40 से 50 मजदूर काम करते है. सर्वे नं. 34 और 35 में करीबन 50 ईंट भट्टी है. यहां चिखलदरा तहसील के बोराला, चिचखेडा, अडनादी, तेलखार, जामली, ओडापाटी, गिरगुटी, मोरगड, रुईपाटा, शक्ति ग्राम सहित आसपास के गांव के सैकडों मजदूर काम करते है. यह सभी मजदूर अब धीरे-धीरे वापस अपने गांव लौटने लगे है.

* मजदूरो में है निराशा
ईंट भट्टो को हटाने की कार्रवाई शुरु होने से रोजगार चले जाने के कारण इन आदिवासी मजदूरो में काफी निराशा है. वे निराश होकर अपने परिवार के साथ वापस घर की तरफ लौटने लगे है. उनका कहना है कि, उन्हें अब फिर से रोजगार की तलाश करनी पडेगी. हर वर्ष वे इन ईंट भट्टो पर काम के लिए लौट आते थे. जब तक इन ईंट भट्टी संचालको स्थायी जगह नहीं मिल जाती तब तक उन्हें यहां लौटने की प्रतीक्षा करनी पडेगी.

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