उम्मीदवारी के बाद महायुती में अंतर्गत कलह बढी
विदर्भ की 10 में से 6 सीटो को लेकर भारी असंतोष
* कार्यकर्ताओं के विरोध को नजरअंदाज किए जाने की हो रही चर्चा
अमरावती/दि.09– पार्टी के वरिष्ठो द्वारा स्थानीय कार्यकर्ताओं के विरोध को नजरअंदाज कर दी गई उम्मीदवारी के बाद महायुती की अंतर्गत कलह अब खुलकर सामने दिखाई दे रही है. विदर्भ की 10 में से 6 सीटो पर महायुती द्वारा उम्मीदवारो की घोषणा किए जाने के बाद कार्यकर्ताओं में भारी असंतोष दिखाई दे रहा है.
पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने स्थानीय कार्यकर्ताओं के विरोध को नजरअंदाज कर भाजपा ने अमरावती संसदीय क्षेत्र से नवनीत राणा, वर्धा से रामदास तडस, भंडारा-गोंदिया से सुनील मेंढे और चंद्रपुर से सुधीर मुनगंटीवार तथा शिंदे सेना की तरफ से रामटेक में राजू पारवे और यवतमाल-वाशिम से राजश्री पाटिल को उम्मीदवारी दी गई. चंद्रपुर में खुद सुधीर मुनगंटीवार इच्छूक न रहते हुए भी उन्हें उम्मीदवारी दी गई. तथा राजू पारवे को कांग्रेस से आयात कर समय पर शिंदे सेना की तरफ से रामटेक संसदीय क्षेत्र के चुनावी मैदान में उतारा गया. अमरावती में भी ऐसा ही हुआ. जिले के भाजपा सहित सभी राजनीतिक दल व नेताओं से मनमुटाव रखनेवाली नवनीत राणा को उम्मीदवारी दी गई. वर्धा संसदीय क्षेत्र के रामदास तडस के खिलाफ भी पार्टी अंतर्गत विरोध उफान पर है.
यवतमाल-वाशिम में भावना गवली और संजय राठोड के विवाद में शिंदे सेना ने बाहर का उम्मीदवार दे दिया. जबकि भंडारा-गोंदिया संसदीय क्षेत्र के वर्तमान सांसद को वॉक ओवर देते हुए उनका पार्टी में कोई योगदान न रहने के बावजूद अनदेखी की गई. 10 में से इन 6 सीटो को लेकर कार्यकर्ताओं में रोष व्याप्त है. इस कारण अब विदर्भ में इन 6 सीटो पर खुद देवेंद्र फडणवीस और चंद्रशेखर बावनकुले को दौरे करना, नरेंद्र मोदी-अमित शाह की प्रचार सभा लेना, 400 पार का नारा अधिक बुलंद करना, उम्मीदवार कोई भी हो – आप मोदी को वोट दे रहे हो, देश की सुरक्षा के लिए मोदी ही चाहिए. इस तरह का प्रचार सोशल मीडिया से अधिक प्रमाण में प्रसारित किया जा रहा है और डेमेज कंट्रोल के उपाय तलाशे जा रहे है.