कर्नाटक व तेलंगाना में तबाही के बाद अब विदर्भ के तीन जिले थ्रीप्स इन्सेक्ट पेस्ट के निशाने पर
विदर्भ की मिर्ची पर मंडराया खतरा
नागपुर/दि. १४– विदर्भ में उगनेवाली मिर्ची पर इन दिनों थ्रीप्स इन्सेक्ट पेस्ट का खतरा मंडराता दिखाई दे रहा है. फसलों को बर्बाद करने वाले इस इन्सेक्ट को आसान शब्दों में फसलों को चूसनेवाला कीड़ा कहा जा सकता है. अनुकूल स्थिति से मिलने से पहले कर्नाटक और फिर तेलंगाना में इसके चलते फसलों की भारी बरबादी हुई है. अब विदर्भ के कुछ क्षेत्र इसके निशाने पर है. जिसमें नागपुर भी शामिल है. केन्द्रीय एकीकृत नाशीजीव प्रबंधन केन्द्र की ओर से इस संबंध में राज्य कृषि विभाग को जानकारी दी गई है. वर्तमान में नागपुर, भंडारा, अमरावती, कामठी, काटोल, वरूड जैसे ज्यादा मिर्ची उत्पादन क्षेत्रों में इन क्रीडों से फसल का नुकसान देखा जा रहा है. इससे पहले की यह पूरी फसलों को चोपट कर दे, इसके लिए उपाय योजना करना बेहद जरूरी है.
क्या है थ्रीप्स इन्सेक्ट पेस्ट
६ पैर, दो पंख मुंह पर एंटीना जैसा यह इन्सेक्ट बाकी इन्सेक्ट की तुलना में खतरनाक होता है. जिसमें खतरनाक प्रजाति सीर्रटोथ्रीप्स डोरासालिस व थ्रीप्स पारिविसरपायनस होते है. ४५ दिनों तक जिंदा रहनेवाला यह क्रीडा अपने जीवन में ६ स्टेज में जीता है. इसकी दूसरी स्टेज पौधों के लिए घातक साबित होती है.
* ऐसे पहुंचाता है नुकसान
पोली फैगस नेचर का यह इन्सेक्ट पौधों के मुलायम जगह पर रहकर पौधे के टिश्यू को चूस लेता है. जिससे पौधे को पोषक तत्व नहीं मिलते है और वह कुछ समय बाद मर जाता है. एक एडल्ट इन्सेक्ट अपना ओवीपॉजिटर फूलों के पास या नए पत्तों के पास फंसा कर उसमें अंडे देता है. पहले दो दिन बाद इसमें से छोटे इन्सेक्ट पैदा होते है. अगले दो दिनों तक पौधों को मिलने वाले टिश्यू ये चूस लेते है और पौधा मुर्झा जाता है. यह स्टेज पौधों के लिए सबसे खतरनाक होती है. कुछ समय बाद जमीन में जाकर यह फिर एक एडल्ट के रूप में बाहर आता है. इस तरह इसका जीवनचक्र शुरू रहता है.
* अन्य फसलों के लिए भी घातक
सब्जियों में बैगन, फल्ली, आलू, पपाया, बीन्स जैसी फसलों के लिए भी यह घातक है. इन फसलों पर भी इसे पाया जा रहा है. लेकिन मिर्ची इसका सबसे पसंदीदा पौधा होता है. गत दो महिने से सर्वे के दौरान यह नागपुर समेत विदर्भ के कुछ हिस्सों में देखने को मिल रहे है. इससे किसानों की समस्या बढ सकती है.
* फसल तबाह करने की क्षमता
सर्वे के दौरान विदर्भ के नागपुर, अमरावती, भंडारा, कामठी, काटोल व वरूड जैसे क्षेेत्रों में मिर्ची के पौधों पर इस कीडे की मौजूदगी देखी जा रही है. अनुकूल स्थिति के कारण इसमें वृध्दि भी हो रही है. इस संबंध में रिपोर्ट तैयार कर राज्य सरकार को जानकारी दी गई है. यह इन्सेक्ट पौधों में लगने पर खेतों को तबाह करने की क्षमता रखता है.